शिशु की मौत पर हंगामा
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय एसटीएच (एसटीएच) में मां की जान बचान
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय एसटीएच (एसटीएच) में मां की जान बचाने के लिए गर्भ में ही मर चुके शिशु को काटना पड़ा। यहां से कपड़े में लिपटे शिशु को परिजन दफनाने के लिए घर ले गए, लेकिन जैसे ही उन्होंने शिशु के सिर व गले में कटे के निशान देखे तो वे बौखला गए। पुलिस को तहरीर सौंपकर परिजनों ने दर्जनों लोगों के साथ शाम पांच बजे अस्पताल के गेट के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्राचार्य डॉ. आरसी पुरोहित के ड्यूटी पर कार्यरत डॉक्टर को हटाने के आश्वासन पर परिजनों का गुस्सा शांत हुआ।
मूल रूप से पैनी नगर रामपुर(उप्र) निवासी 25 वर्षीय आसिमा पत्नी राहत अली उजाला नगर में किराए के मकान में रहते हैं। रविवार को परिजन आसिमा को डिलीवरी के लिए महिला अस्पताल ले गए। यहां से उसे एसटीएच रेफर कर दिया। डॉक्टरों ने मरीज की जांच की। राहत अली ने बताया कि पहले डॉक्टरों ने नार्मल डिलीवरी होने की बात कही। सुबह नौ बजे ऑपरेशन थियेटर में ले गए। दोपहर 12 बजे उन्हें कपड़े में लपेटकर बच्चा थमा दिया। बोले, डेथ हो गई है। इसे जल्दी ले जाना। जब घर पर भाई रिजवान दफनाने से पहले उसे नहलाने लगे तो देखा सिर व गले समेत कई जगह कटा हुआ था और टांके लगाए थे। इसे देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया। इसके बाद गुस्से में तमतमाये परिजन शाम को एसटीएच पहुंच गए। यहां नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने इन्हें मुख्य गेट पर ही रोक दिया। ढाई घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान सीओ आरएस हयांकी ने कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन नहीं माने। प्राचार्य डॉ. आरसी पुरोहित मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी समझाने का प्रयास किया और तर्क रखा कि कई बार शिशु के गर्भ में ही मौत होने पर कट लगाकर निकाला जाता है, जिससे मां की जान को बचाया जा सके। डॉक्टर से पूछने पर पता चला कि शिशु के पेट में पानी भरा था। वह गर्भ में ही मर गया था। बावजूद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। प्राचार्य पुरोहित ने आश्वास्त किया कि पूरे मामले की जांच की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि कट लगाना जरूरी था या नहीं। इसमें जो भी डॉक्टर दोषी होगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इस पर भी परिजन नहीं माने। प्राचार्य को लेकर मोर्चरी पहुंच गए। परिजनों की मांग पर प्राचार्य ने ड्यूटी पर कार्यरत डॉक्टर को हटाने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजनों का गुस्सा शांत हुआ। परिजनों ने पुलिस को तहरीर देकर डॉक्टर, नर्स व अन्य प्रशिक्षु डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तहरीर सौंपी है। इसमें कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी के जिलाध्यक्ष तस्लीम अहमद, उवेश राजा, मो. जारिफ, काजल मलिक, इकबाल, रिजवान मलिक, जलील अहमद, मिस्कीन, शाइन समेत तमाम लोग शामिल थे।
इनसेट..
डॉक्टर बोल रहे थे कुछ सीखना है
राहत अली ने तहरीर में लिखा है, जब सुबह बच्चा हुआ तो ऑपरेशन थियेटर में 8-10 लड़के सफेद कोट पहने थे। बोल रहे थे बच्चे को पेट से बाहर निकलने पर हमें दो। इससे कुछ सीखना है। ऐसे में इन लोगों में परीक्षण के नाम पर बच्चे को मौत के घाट उतार दिया।
---
आज होगा पीएम, होगी वीडियोग्राफी
घटना के बाद अब शिशु का पोस्टमार्टम होगा। इसके लिए औपचारिकताएं पूरी कर दी गई हैं। सीओ आरएस हयांकी ने बताया कि पीएम की वीडियोग्राफी की जाएगी। पीएम से कई कट लगाने की हकीकत से पर्दा हट जाएगा।
---
डॉ. पुरोहित की यूनिट, डॉ. गोदावरी की ड्यूटी
राहत ने बताया कि मरीज प्राचार्य डॉ. आरसी पुरोहित की यूनिट में ही भर्ती थी। ड्यूटी में डॉ. गोदावरी जोशी समेत उनकी टीम थी। उन्होंने इन पर कार्रवाई की मांग की।