घपले का पड़ाव चौकी में!
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : दो मामले और दोनों में दो खुलासे। व्यवसायी पर गोलीकांड के अपराधियों की प
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : दो मामले और दोनों में दो खुलासे। व्यवसायी पर गोलीकांड के अपराधियों की पहचान का गलत खुलासा, स्वाइन-फ्लू की पहचान का भी गलत खुलासा। दोनों ही मामलों में गंभीर लापरवाही और घपला भी। जांच होगी और रिपोर्ट भी आएगी। फिर अपराध और षडयंत्र का भी खुलासा होगा। दोनों मामलों में बात जांच रिपोर्ट पर टिकी है। पुलिस ने गोलीकांड करने वाले तीन अपराधियों में से एक ही को क्यों पकड़ा? स्वाइन-फ्लू न होने के बावजूद स्वाइन-फ्लू की गलत रिपोर्ट कैसे आई? गुरुवार को खुलासों के इन दोनों ही मामलों में लापरवाही का जो क्लू सामने आया इससे पुलिसिंग और पैथलैब के ऊपर बड़ा सवाल खड़ा हो गया।
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मटर व्यवसायी योगराज फाय¨रग कांड
- भोटिया पड़ाव पुलिस की साख पर बंट्टा
- विवेचक बदले तो हाथ आ गए दोनों अन्य आरोपी
- एसएसपी के निर्देश पर चौकी के खिलाफ जांच शुरू
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: पूरे तथ्य तो जांच के बाद ही सामने आएंगे, मगर गुरुवार को मटर व्यवसायी योगराज पर फाय¨रग के दो और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जिले की पुलिस और पुलिसिंग की साख पर बंट्टा जरूर लग गया है। दो-दो विवेचक बदले जाने के बाद गोलीकांड के दो और आरोपी हत्थे आए तो यह सवाल खुद सामने खड़ा हो गया है कि पुलिस ने गोलीकांड के अपने खुलासे में शुरुआत में केवल एक आरोपी के ही शामिल होने का खुलासा क्यों किया। अब एसएसपी के निर्देश पर भोटिया पड़ाव पुलिस चौकी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।
31 अक्टूबर 2014 की रात मटर व्यवसायी योगराज पर देवाशीष होटल के पीछे फाय¨रग की गई थी। योगराज ने व्यवसाय से जुड़े कुछ लोगों पर हमले का आरोप लगाया। वारदात के 47 दिन बाद 17 दिसंबर को पुलिस ने एक व्यक्ति द्वारा गोली चलाए जाने का खुलासा किया था। इसमें मोहित वर्मा पुत्र चौधरी कर्ण सिंह निवासी शक्ति नगर, रूपनगर दिल्ली को मुख्य आरोपी बनाकर जेल भेजा था। योगराज ने पुलिस के खुलासे पर सवाल उठाते हुए विवेचक बदलने की मांग उठाई। चौकी प्रभारी नंदन सिंह रावत से विवेचना हटाकर केस की विवेचना एसआई विनोद जोशी को दी गई। योगेश की मांग पर एसएसपी ने एसआई विनोद जोशी से विवेचना हटाकर जनवरी के अंतिम सप्ताह में एसएसआई एनबी भट्ट को सौंप थी। विवेचक एसएसआई ने मामले की जांच पड़ताल की। इस जांच के बाद दो अन्य आरोपियों के शामिल होने की बाद सामने आई।
सवाल यह सामने आया कि पुलिस ने वारदात में एक ही आरोपी के शामिल होने का दावा क्यों किया। चर्चा तो यहां तक है कि दो आरोपियों को वारदात में न दिखाने के लिए सेटिंग-गेटिंग हुई। इसीलिए चौकी पुलिस ने मोहित वर्मा को ही मुख्य आरोपी बनाया। पुलिस सूत्र बताते हैं शुरुआत में ही तीन आरोपियों के नाम सामने आए। कोर्ट से भी मोहित, अंकुर चौहान व संजय कालरा के एनबीडब्ल्यू जारी किए। इसके बावजूद पुलिस ने केवल मोहित के नाम का खुलासा किया। मुख्य आरोपी मोहित वर्मा गिरफ्तार हुआ, तब उसने पुलिस को वारदात में अंकुर व संजय शामिल नहीं होने की बात की थी। लेकिन वारदात के दिन दोनों के मोबाइल की लोकेशन और कहीं नहीं घटनास्थल पर ही थी। हालांकि मुख्य आरोपी ने वारदात में अन्य लोगों के शामिल होने से इंकार किया था।
इंसेट----
एक बिजनौर तो दूसरा दिल्ली का
हल्द्वानी। मटर व्यवसायी योगराज फाय¨रग कांड में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गुरुवार को अंकुर चौहान पुत्र दलवीर सिंह निवासी फतेहपुर, कस्बा शेरकोट बिजनौर और संजय कालरा पुत्र सदानंद निवासी आदर्शनगर, सब्जी मंडी आजादपुर दिल्ली को गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को दोनों आरोपी कोर्ट में पेश किए। जहां से जेल भेज दिए गए।
पुलिस ही खोलेगी पुलिस की गांठ
हल्द्वानी। यह भी अजीब बात है कि यहां जो भी घपला सामने आया उसे पुलिस ने ही पकड़ा और वह भी किया हुआ पुलिस का ही था। पहले दो दारोगाओं की गलत जांच, फिर तीसरे दारोगा का नया खुलासा और अब पूरी चौैकी पर एसएसपी के निर्देश के बाद जांच वह पुलिस के ही हवाले।
वर्जन
- भोटिया पड़ाव चौकी पुलिस के खिलाफ सीओ को जांच सौंपी है। केस में किस स्तर पर लापरवाही हुई या किसी प्रकार और कोई गड़बड़ी की गई। जांच के बाद मामला खुलेगा। जांच में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सैंथिल अबुदई, एसएसपी
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