संघर्ष की भेंट चढ़ा गुलदार
रामनगर : तराई पश्चिमी वन प्रभाग में एक गुलदार का शव मिला है। गुलदार को धारदार हथियार से काटने के साथ
रामनगर : तराई पश्चिमी वन प्रभाग में एक गुलदार का शव मिला है। गुलदार को धारदार हथियार से काटने के साथ ही उसके सिर पर चोट पहुंचाई गई है। उसके दो दांत भी टूटे मिले।
रविवार को तराई पश्चिमी वन प्रभाग के आमपोखरा रेंज के हाथीडंगर क्षेत्र में ढेला नदी में लोगों ने गुलदार का शव देखा। सूचना पर वन विभाग के एसडीओ जेपी सिंह व रेंजर जगमोहन रावत पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर रामनगर स्थित कार्यशाला ले आए। गुलदार के दाहिने पैर के ऊपर धारदार हथियार से काटे जाने का निशान और नाक से खून भी बह रहा था। सात से आठ साल उम्र वाले इस गुलदार का शव एक-दो दिन पुराना था। पशु चिकित्सा अधिकारी योगेश अग्रवाल व कार्बेट के चिकित्सक दुष्यंत कुमार ने शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गुलदार के सिर पर किसी भारी चीज से आतंरिक चोट की पुष्टि हुई है। इसके अलावा आगे के दो दांत भी टूटे पाए गए। वनाधिकारी मौत की जांच में जुट गए हैं। इस दौरान कार्बेट के पार्क वार्डन एससी उपाध्याय, निर्मल पांडे, मथुरा सिंह, कार्बेट फाउंडेशन के हरीशंकर व डब्ल्यूटीआइ के सुमांतो कुंडू मौजूद रहे। एसडीओ ने बताया कि गुलदार के सिर पर आतंरिक चोट लगी है। शव पर काटने के निशान धारदार हथियार या किसी अन्य चीज के हैं, सभी पहलुओं को सामने रखकर जांच की जा रही है।
मानव-वन्य जीव संघर्ष की भेंट चढ़ा गुलदार
ढेला नदी में मृत मिला गुलदार मानव-वन्य जीव संघर्ष की भेंट चढ़ गया। वन विभाग को शव भले ही नदी में मिला, लेकिन इतना तो साफ है कि उसकी मौत कहीं और हुई है।
माना जा रहा है कि गुलदार जंगल से सटे गांव में किसी खेत के किनारे लगे फंदे में फंस गया। लाचार होने के बाद उसको लाठी डंडों से पीटकर बाद में धारदार से काटा गया। इसके बाद उसका शव नदी में फेंक दिया। हालांकि गुलदार के नदी में बहकर आने की बात की जा रही है। ढेला नदी में कार्बेट के सांवल्दे नदी व रामनगर की सिंचाई नहर का पानी जाता है। सांवल्दे नदी में पानी का बहाव इतना तेज नहीं होता कि भारी भरकम गुलदार वहां बहकर आ सके। ऐसे में वन विभाग की शक की सुई सिंचाई नहर के आसपास के कुछ गांव की ओर गहरा रही है। मामले में वन विभाग ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही छानबीन शुरू कर दी है।