Move to Jagran APP

एनसीटीई को ही बीएड कालेजों की मान्यता खत्म करने का अधिकार

By Edited By: Published: Thu, 01 May 2014 02:07 AM (IST)Updated: Thu, 01 May 2014 02:07 AM (IST)
एनसीटीई को ही बीएड कालेजों की मान्यता खत्म करने का अधिकार

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बिना राजभवन के संबद्धीकरण वाले बीएड कालेजों में काउंसिलिंग पर रोक लगाने संबंधी शासनादेश को निरस्त कर दिया है। हाई कोर्ट ने साफ किया कि एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन) से मान्यता प्राप्त कालेजों की मान्यता निरस्त करने संबंधी कार्रवाई एनसीटीई द्वारा ही की जा सकती है।

loksabha election banner

ओम बायो मेडिकल साइंस एंड फार्मा कालेज फैकल्टी आफ बीएड की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पिछले साल 20 नवंबर को जारी शासनादेश को चुनौती दी गई थी। शासनादेश में कहा गया था कि जिन बीएड कालेजों की संस्तुति राजभवन से 2012-13 के लिए नहीं की गई है, उन कालेजों में 2013-14 के लिए बीएड काउंसिलिंग नहीं कराई जाएगी। याची के अनुसार उक्त सभी कालेज तकनीकी कालेज से संबद्ध थे। जिन्हें मई 2005 में जारी शासनादेश के अनुसार श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध कर दिया गया। सभी कालेज एनसीटीई से मान्यता प्राप्त हैं और राज्य सरकार को इस तरह का शासनादेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें 2013-14 के लिए संबद्धीकरण नहीं दिया जाना विधि विरुद्ध है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकल पीठ ने मामले को सुनने के बाद शासनादेश को निरस्त कर दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.