एनसीटीई को ही बीएड कालेजों की मान्यता खत्म करने का अधिकार
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बिना राजभवन के संबद्धीकरण वाले बीएड कालेजों में काउंसिलिंग पर रोक लगाने संबंधी शासनादेश को निरस्त कर दिया है। हाई कोर्ट ने साफ किया कि एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन) से मान्यता प्राप्त कालेजों की मान्यता निरस्त करने संबंधी कार्रवाई एनसीटीई द्वारा ही की जा सकती है।
ओम बायो मेडिकल साइंस एंड फार्मा कालेज फैकल्टी आफ बीएड की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पिछले साल 20 नवंबर को जारी शासनादेश को चुनौती दी गई थी। शासनादेश में कहा गया था कि जिन बीएड कालेजों की संस्तुति राजभवन से 2012-13 के लिए नहीं की गई है, उन कालेजों में 2013-14 के लिए बीएड काउंसिलिंग नहीं कराई जाएगी। याची के अनुसार उक्त सभी कालेज तकनीकी कालेज से संबद्ध थे। जिन्हें मई 2005 में जारी शासनादेश के अनुसार श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध कर दिया गया। सभी कालेज एनसीटीई से मान्यता प्राप्त हैं और राज्य सरकार को इस तरह का शासनादेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें 2013-14 के लिए संबद्धीकरण नहीं दिया जाना विधि विरुद्ध है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकल पीठ ने मामले को सुनने के बाद शासनादेश को निरस्त कर दिया।