Move to Jagran APP

प्रशासन की टीम के साथ शिवानंद ने किया नदियों का निरीक्षण

गंगा व सहायक नदियों में अवैध खनन के आरोपों के मद्देनजर जिला प्रशासन की टीम ने मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती को साथ लेकर विभिन्न इलाकों में निरीक्षण किया । खनन के विरोध में स्वामी शिवानंद 21 मई से अनशन कर रहे हैं।

By bhanuEdited By: Published: Tue, 26 May 2015 11:16 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 04:30 PM (IST)
प्रशासन की टीम के साथ शिवानंद ने किया नदियों का निरीक्षण

हरिद्वार। गंगा व सहायक नदियों में अवैध खनन के आरोपों के मद्देनजर जिला प्रशासन की टीम ने मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती को साथ लेकर विभिन्न इलाकों में निरीक्षण किया । खनन के विरोध में स्वामी शिवानंद 21 मई से अनशन कर रहे हैं।
सुबह करीब नौ बजे प्रशासन की टीम अजीतपुर पहुंची। इसके बाद इस टीम ने लकसर, भोगपुर, विशनपुर, श्यामपुर, कुंडी आदि स्थानों का भी निरीक्षण किया। प्रशासनिक टीम में एडीएम, एसडीएम सहित विभन्न विभागों के अधिकारी शामिल हैं। प्रशासन की टीम ने स्वामी शिवानंद को बताया कि नदी के प्रवाह के साथ काफी खनिज एकत्र हो गया है। इससे नदी का तल उठने लगा है। यदि इसे नहीं हटाया गया तो बरसात में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाएगी। प्रशासन के तर्क को खारिज करते हुए स्वामी शिवानंद वापस अपने आश्रम मातृ सदन पहुंच गए। उन्होंने अपना अनशन भी जारी रखा।
गौरतलब है कि प्रशासन ने नदी तलों में उपखनिज जमा होने व इससे मानसून अवधि में बाढ़ के खतरे की आशंका जताते हुए उपखनिज उठाने की अनुमति दी थी। भारी मशीनों के जरिये यह काम भी शुरू हो गया। मातृसदन ने इसे अवैध खनन बताते हुए विरोध किया है। इसके विरोध में 21 मई से स्वामी शिवानंद सरस्वती ने अनशन शुरू किया था। 22 मई को कनखल स्थित मातृ सदन में उन्होंने जल भी त्याग दिया था। साथ ही खुद को कमरे में कैद कर लिया था।
खनन के मामले में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्य सचिव से तीन बिंदुओं पर रिपोर्ट भी मांगी। उन्होंने नदियों को खनन मुक्त करने पर पर्यावरणीय स्थिति, स्थानीय लोगों की अजीविका व निर्माण सामग्री के मूल्य पर असर संबंधी पहलुओं के अध्ययन को कहा है। साथ ही हरिद्वार के जिलाधिकारी को गंगा नदी के किनारे अवैध खनन की शिकायत पर जांच के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि जांच पूर्ण होने तक मुख्यमंत्री ने खनन रोकने के निर्देश भी दिए हैं।
इस बीच सोमवार दोपहर अपर जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी मातृ सदन पहुंचे। उनसे वार्ता के बाद उन्होंने जल ग्रहण कर लिया। उन्होंने कहा कि जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। उनका आरोप है कि बाढ़ सुरक्षा का जो कार्य चल रहा है, उसकी आड़ में अवैध खनन हो रहा है।
वहीं मातृसदन के स्वामी आत्मबोधानंद का अनशन भी जारी है। वह मातृसदन में 16 मई से तप कर रहे हैं। वे खनन निदेशक व जिलाधिकारी के निलंबन की मांग कर रहे हैं। अब तक उनका स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हुआ है। प्रशासन की ओर से खनन पट्टे बंद करने की उनकी एक मांग मानी जा चुकी है, लेकिन दूसरी मांग पर वे अडिग हैं।
पढ़ें-उत्तराखंड से शुरू होगा साईं मूर्ति हटाने का कामः स्वरूपानंद

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.