मरीज लाचार, प्रशासन गैरजिम्मेदार
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाले मरीजों की परेशानी कम होती न
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाले मरीजों की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही। पिछले 15 दिनों से अल्ट्रासाउंड कराने के लिए मरीज फजीहत झेल रहे हैं। पहले रेडियोलॉजिस्ट और अब मशीन चलाने को लाइसेंस का पेच फंसा हुआ है। आने वाले दिनों में भी मरीजों की परेशानी कम होने के आसार नहीं हैं। कारण, कुछ दिन पूर्व बतौर रेडियोलॉजिस्ट ज्वाइन करने वाले डॉक्टर मनोज उप्रेती बिना रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किए जर्नी लीव पर हैं। सोमवार को उनके लौटने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके बाद प्रक्रिया शुरू हुई भी तो एक से दो हफ्ते का समय लग जाएगा। डॉ. उप्रेती के मेडिकल पर जाने की चर्चा भी है। दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन ने सब कुछ जानते हुए भी इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है।
जिला अस्पताल में अल्ट्रासांउड के लिए पहुंच रहे मरीजों की फजीहत जारी है। सस्ती सुविधाओं के चक्कर में पहुंच रहे मरीजों को मेला अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। मेला अस्पताल में भी बात न बनने पर वह बाजारों में धक्के खाने को मजबूर हैं। लेकिन अस्पताल प्रशासन लापरवाही बना हुआ है। प्रशासन न नियमित व्यवस्था बना रहा और न ही वैकल्पिक व्यवस्था के लिए तैयार है। गौरतलब है कि नियमित व्यवस्था के तौर पर लगभग 15 दिन पहले जिला अस्पताल में डॉ. मनोज उप्रेती ने बतौर रेडियोलॉजिस्टयोगदान रिपोर्ट दी थी। सीएमओ कार्यालय में बतौर रेडियोलॉजिस्ट रजिस्ट्रेशन न होने के कारण वह अल्ट्रासांउड नहीं कर पाए। इससे पहले कि उनकी कागजी कार्यवाही पूरी होती, वह जर्नी लीव पर चले गए। बताया जा रहा है कि कागजी कार्यवाही के नाम पर अभी कुछ भी नहीं हुआ है।
दूसरी ओर, अस्पताल प्रशासन को स्थिति की गंभीरता का पता होने के बावजूद वह वैकल्पिक व्यवस्था को तैयार नहीं है। उल्टा अस्पताल में बतौर व्यवस्था काम कर रहे लक्सर के रेडियोलॉजिस्ट को भी रिलीव कर दिया। चूंकि डॉ. उप्रेती के मेडिकल पर जाने की चर्चा चल रही है, ऐसा होता है तो मरीजों को सरकारी सुविधाओं के नाम पर परेशानी ही मिलेगी।
--------------
मेला अस्पताल में भी फजीहत
जिला अस्पताल से सटे मेला अस्पताल में इन दिनों व्यवस्था के तौर पर काम चल रहा है। पर यहां भी रेडियोलॉजिस्ट सीएमओ कार्यालय से है और केवल तीन दिन ही बैठते हैं। ऐसे में मेडिकोलीगल मामले में बहुत फजीहत हो जाती है।
बाल रोग विशेषज्ञ ने सीसीएल को दिया प्रार्थना पत्र
बीते दिनों जिला अस्पताल में ज्वाइन करने वाली बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति पाठक और रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मनोज उप्रेती पति-पत्नी हैं। पिछले गुरुवार को दोनों एक सप्ताह की जर्नी लीव पर गए थे। बुधवार तो दोनों का ज्वाइन करना था पर अभी तक किसी ने ज्वाइन नहीं किया। इस बीच, डॉ. पाठक ने चाइल्ड केयर लीव के लिए एप्लीकेशन डाल दी है।
डॉ. उप्रेती सोमवार को छुट्टी से लौट रहे हैं। आगे की स्थिति इसके बाद ही स्पष्ट होगी। हां, डॉ. पाठक ने सीसीएल के लिए अप्लाई किया है। रेडियोलॉजिस्ट का विकल्प फिलहाल हमारे पास नहीं है।
डॉ. अनिल कुमार, सीएमएस, हरिद्वार
डॉ. उप्रेती के बतौर रेडियोलॉजिस्ट रजिस्ट्रेशन का मामला अभी संज्ञान में नहीं है। यदि जिला अस्पताल चाहे तो लक्सर में तैनात रेडियोलॉजिस्ट को यहां अटैच किया जा सकता है।
सुषमा गुप्ता, सीएमओ, हरिद्वार