उत्तराखंड में हाथी गणना को टीमों ने संभाला मोर्चा
संवाद सहयोगी, हरिद्वार उत्तर भारत में हाथियों की आखिरी पनाहगाह उत्तराखंड में इनकी गणना के लिए मंगल
संवाद सहयोगी, हरिद्वार
उत्तर भारत में हाथियों की आखिरी पनाहगाह उत्तराखंड में इनकी गणना के लिए मंगलवार को वनकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया। यमुना से लेकर शारदा नदी तक राजाजी व कार्बेट टाइगर रिजर्व समेत 11 वन प्रभागों में करीब 6643.5 वर्ग किमी में फैले हाथियों के बसेरे में इनकी गिनती 27 मई तक चलेगी। प्रमुख वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीवीएस खाती के मुताबिक केंद्र सरकार के निर्देशानुसार लीद क्षय विधि से यह गणना होगी। इसके साथ ही प्रत्यक्ष रूप से भी हाथी गिने जाएंगे। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और मोर्चे पर डटे कार्मिक बुधवार सुबह से गणना में जुट जाएंगे।
राज्य में 2015 के बाद हाथियों की गणना कराई जा रही है। तब यहां गजराज की संख्या 1779 थी और अब इसमें वृद्धि की संभावना बताई जा रही है। हाथी गणना के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व में चीला, मोतीचूर, हरिद्वार, रवासन, धौलखंड पूर्वी-पश्चिमी, बेरीवाड़ा, कांसरों, गौहरी में टीमें मोर्चे पर पहुंच गई। पहले दो दिन सर्वे होगा और इसके बाद ट्रांजिट लाइन के अनुसार हाथियों की गिनती की जाएगी। रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर के मुताबिक रिजर्व के अंतर्गत सभी 102 बीटों में टीमें तैनात हो गई हैं। प्रत्येक टीम में तीन कार्मिक हैं। गणना को लेकर टीमों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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सूबे में हाथी
क्षेत्र, 2015, 2012
कार्बेट टाइगर रिजर्व, 1035, 743
राजाजी टाइगर रिजर्व, 309, 302
शिवालिक वृत्त, 248, 264
पश्चिमी वृत्त, 179, 224
उत्तरी वृत्त, 08, 26
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