ताक पर नियम, खुले वाहनों में कूड़ा
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ताक पर रखकर नगर निगम की ओर से खुले वाहनों में कूड़
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ताक पर रखकर नगर निगम की ओर से खुले वाहनों में कूड़ा ढ़ोया जा रहा है। इससे शहर साफ होने के बजाय और गंदा हो रहा है, क्योंकि वह जगह-जगह बिखर रहा है।
नगर निगम हरिद्वार में तीस वार्डो से रोजाना दो सौ मीट्रिक टन कूड़ा एकत्रित होता है। इस कूड़े को ट्रैक्टर ट्राली, छोटा हाथी एवं डंपर के माध्यम से जगह-जगह से एकत्रित कर डं¨पग मैदान में फेंका जाता है। यह वाहन खुले हैं, जिस कारण जैविक व अजैविक कूड़ा हवा में उड़कर दुबारा से सड़कों पर फैल जाता है। यह कूड़ा स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है। इसके चलते वर्ष 2012 में उच्चतम न्यायालय ने नगर निकायों को खुले वाहनों में कूड़ा न ढ़ोने के लिए आदेशित किया था। लेकिन निगम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी नहीं माने। यह हाल तब है जब दो जुलाई 2015 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी नगर निकायों को स्वच्छता को लेकर आदेश दिए। इससे लगा था कि अब नगर निगम की नींद टूटेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। आज भी यह कूड़ा खुले वाहनों से राह चलते लोगों पर पड़ता है। नगर आयुक्त तंजीम अली ने बताया कि कुछ वाहनों को बंद कर दिया गया है। बाकी बचे वाहनों के पीछे का हिस्सा बंद किया जाएगा, ताकि कूड़ा बंद होकर ही डं¨पग मैदान तक पहुंचे। केआरएल कंपनी के वाहन ढ़के हैं। जिन वाहनों को नहीं ढका जा सकता है, उन्हें तिरपाल से कवर कर कूड़े को डंप कराया जाएगा।