गुरुकुल कांगड़ी से हुई थी योग की शुरूआत
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय के मानव चेतन
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय के मानव चेतना एवं योग विज्ञान विभाग की ओर से दो दिवसीय सेमीनार का बुधवार को इतिहास विभाग के सभागार में समापन हुआ। मुख्य अतिथि योगाचार्य पद्मश्री भारत भूषण ने कहा कि योग की पहली किरण इसी विश्वविद्यालय से निकलकर देश-दुनिया में फैली थी।
इनोवेटिव ट्रेंड फॉर प्रोफेशनल स्किल डेवलपमेंट इन यौगिक साइंस विषय पर आयोजित सेमीनार को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग किया जा रहा है। कहा लोग योग की जगह कहते हैं कि अनुलोम विलोम और कपाल भाति कर रहे हैं। अध्यक्षता करते हुए अनंत भारती महाराज ने कहा कि योग हमें आध्यात्मिक और शारीरिक क्रियाओं से जोड़ने का काम करता है। योग उसे करना चाहिए जो पूर्णत: स्वस्थ हो। जीवन में योग करने से नई ऊर्जा का संचार होता है। विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलसचिव प्रोफेसर एमआर वर्मा ने कहा कि सेमिनार की प्रासंगिकता इसलिए बढ़ जाती है कि इसमें 15 राज्यों से प्रतिभागी आए हैं। गुरुकुल कांगड़ी विवि आज भी योग को प्राचीन पद्धति के अनुसार करा रहा है। इस सेमिनार से योग एक विज्ञान का रुप ले रहा है। नेशनल ओपन स्कूल दिल्ली के योग व विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पवन कुमार चौहान ने कहा कि आज योग चिकित्सा से जुड़ गया है। आयुष मंत्रालय योग का उन्नयन करने में जुटा है। मानव चेतना व योग विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ईश्वर भारद्वाज ने बताया कि दो दिनी सेमीनार में 140 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए, जिसमें स्किल डेवलपमेंट इन योग एजूकेशन, योग ट्रे¨नग, योग दर्शन एवं ध्यान, योग शिक्षा में गीता के अनुसार कौशल विकास आदि पर शोध हुआ है। संचालन डॉ. राकेश गिरि ने किया। समापन समारोह में डॉ. संजीव, डॉ. सी. गिरि, डॉ. एके रोस्टर, डॉ. रकम ¨सह, डॉ. सुरक्षित गोस्वामी आदि मौजूद थे।