चेक से लेनदेन बनी ग्राहकों के लिए सिर दर्द
जागरण संवाददाता, रुड़की: नोटबंदी के बाद बैंक के ग्राहकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा ह
जागरण संवाददाता, रुड़की: नोटबंदी के बाद बैंक के ग्राहकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब बैंक में चेक जमा करने वाले परेशान हैं। स्थिति यह है कि एक चेक को क्लीयर होने में में 12 से 15 दिन लग रहे हैं। ग्राहक बैंकों के चक्कर लगाते थक रहे हैं, लेकिन उन्हें हर दिन आश्वासन ही दिया जा रहा है।
दरअसल नोटबंदी के बाद नकदी की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार कैशलेस लेनदेन अपनाने पर जोर दिया। जिसके बाद आनलाइन के साथ ही चेक से भी भुगतान काफी बढ़ गया। लेकिन अब चेक से भुगतान करना लोगों के लिए सिर दर्द बन गया है। लोगों के चेक ही क्लीयर नहीं हो पा रहे हैं। पहले चेक क्लीयर होने में मुश्किल से एक या दो दिन लगते थे। जबकि आज स्थिति यह है कि कई बार तीन सप्ताह में चेक क्लीयर हो पा रहे हैं। चेक के बारे में जानकारी लेने के लिए हर दिन ग्राहक बैंक के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। एक बैंक ग्राहक मनोज शर्मा ने बताया कि उन्होंने 11 जनवरी को चेक जमा कर दिया था लेकिन अभी तक क्लीयर नहीं हो पाया है। वह रोज बैंक के चक्कर काट रहे हैं। बैंक की ओर से लगातार आश्वासन दिया जा रहा है कि एक-दो दिन में क्लीयर हो जाएगा।
बैंक भी इस संबंध में अपनी मजबूरी बता रहे हैं। पंजाब नेशनल बैंक के क्लीय¨रग हाउस में नोटबंदी से पहले एक दिन में करीब 800 चेक लगते थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर तीन हजार तक हो गई है। इसी तरह से एसबीआइ के क्लीय¨रग हाउस में पहले 1500 चेक लगते थे लेकिन अब यह संख्या आठ हजार को पार कर गई है। जबकि अधिकांश स्टाफ को काउंटर पर लगा दिया गया है। इसकी वजह से चेक क्लीय¨रग में देरी हो रही है।