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ग्रामीणों ने बैंक पर जड़ा ताला, हंगामा

संवाद सूत्र, लंढौरा: लंढौरा स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से नकदी न मिलने से नाराज ग्राहकों ने हंग

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 01:00 AM (IST)
ग्रामीणों ने बैंक पर जड़ा ताला, हंगामा

संवाद सूत्र, लंढौरा: लंढौरा स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से नकदी न मिलने से नाराज ग्राहकों ने हंगामा कर दिया। गुस्साए ग्रामीणों ने बैंक कर्मचारियों को बाहर निकालकर शाखा पर ताला जड़ दिया और चेतावनी दी कि जब तक वह कैश की व्यवस्था न कर लें, तब तक शाखा में न आएं।

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एसबीआई की शाखा में पिछले कई दिनों से नकदी का संकट बना हुआ है। कई दिन तक तो बैंक की ओर से ग्राहकों को भुगतान के रूप में 1, 2, 5 और 10 रुपये के सिक्कों की थैली बनाकर दी गई। यहां तक कि ढाई हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक का भुगतान सिक्कों में किया गया। कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया तो बैंक कर्मचारियों ने उन्हें कैश देने से मना कर दिया। तीन दिन से तो एक भी ग्राहक को कैश नहीं दिया जा रहा है।

गुरुवार को सुबह जब ग्राहक एसबीआई की शाखा पर पहुंचे और वाउचर भरना शुरू किया तो कर्मचारियों ने यह कहकर ग्राहकों को जाने के लिए कह दिया कि आज भी कैश नहीं मिला है, इसलिए बैंक से किसी तरह का कोई भुगतान नहीं होगा। इस पर ग्राहकों का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए लोगों ने पहले तो शाखा के अंदर ही हंगामा कर दिया और कहा कि जब कैश नहीं है तो वह क्यों बैंक खोलकर बैठे हैं। इसके बाद लोगों ने कर्मचारियों को शाखा से बाहर निकाला और बैंक शाखा पर ताला जड़ दिया और खुद भी शाखा के गेट पर धरना देकर बैठ गये। इस मौके पर विवेक, मुकर्रम, राशिद, सुगरा, नसीम, मदन, सुनील, आरिफ आदि मौजूद थे। बैंक प्रबंधक कपिल ¨सह अहलावत ने बताया कि उन्होंने कैश के लिए काफी प्रयास किया लेकिन कैश नहीं मिल पा रहा है। इसकी वजह से नकदी का संकट बना हुआ है।

अन्य बैंक शाखाओं से भी निराश होकर लौटे

कस्बे में पंजाब नेशनल बैंक, जिला सहकारी बैंक, उत्तरांचल ग्रामीण बैंक आदि की शाखाएं हैं। गुरुवार को इन शाखाओं से भी किसी तरह का भुगतान नहीं मिल पाया है, जिसकी वजह से ग्राहकों को मायूस लौटना पड़ा है। खुर्शीद अहमद, सलीम, सरफराज ने बताया कि लंढौरा में कई गांव का केंद्र है। नोटबंदी को एक माह होने को है, लेकिन गांव वालों को अभी तक पर्याप्त धनराशि नहीं मिल पाई है। कभी बैंक दो हजार तो कभी उससे भी इंकार कर देते हैं। एक माह में मुश्किल से बैंक से छह या सात हजार रुपये ही मिले हैं। ऐसे में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। साथ ही रबी की बुआई भी प्रभावित हो रही है।


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