प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा है अतिवृष्टि
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने बांधों का विरोध करते हुए कहा कि यह भविष्य में बड़ा खतरा बन सकते हैं। उन्होंने उत्तराखंड में अतिवृष्टि को प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा बताया।
सोमवार को शंकराचार्य मठ में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि आज नदियों को बांध दिया गया है, जिसके चलते वह अविरल व निर्मल नहीं बह पा रही हैं। कहा कि पहाड़ों को खोदकर सुरंग व बांध बनाए जा रहे हैं, जो भविष्य में हमारे लिए खतरा बन सकते हैं।
शंकराचार्य ने उत्तराखंड में हो रही अतिवृष्टि पर ¨चता व्यक्त करते हुए कहा कि 2013 की आपदा की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए हमें भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हमें प्रकृति से छेड़छाड़ करने से भी बचना होगा। जितनी अधिक प्रकृति से छेड़छाड़ होगी, उतना ही खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ेगा। उन्होंने बसपा सुप्रीमो को हिदायत देते हुए कहा कि वह दलित प्रेम छोड़ें, क्योंकि दलित नाम की कोई जाति ही नहीं है। जाति के आधार पर कोई मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं बन सकता, इसलिए उन्होंने जाति-वर्ग से ऊपर उठकर कार्य करना होगा। श्रावण मास के सोमवार पर भगवान शंकर की आराधना करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि कनखल नगरी में इन दिनों भगवान शंकर खुद विराजते हैं और श्रद्धालुओं को मनवांछित फल देते हैं।