नंबरों के फेर में उलझ रहे उपभोक्ता
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: नंबर पोर्टिबिलिटी सेवा के कारण नेटवर्क का पता नहीं चल पा रहा है, जिससे उपभोक
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: नंबर पोर्टिबिलिटी सेवा के कारण नेटवर्क का पता नहीं चल पा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं की जेब ढ़ीली हो रही है। 94129. आप सोचेंगे यह सीरीज तो बीएसएनएल के मोबाइल नंबर की है। लेकिन आप गलत हैं, क्योंकि यह नंबर अब किसी निजी मोबाइल कंपनी का हो गया है। अलग-अलग नेटवर्क पर फोन करने से उपभोक्ताओं को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। ऐसे में सतर्क रहकर ही उपभोक्ता आर्थिक क्षति से बच सकते हैं।
सूचना क्रांति के इस दौर में देश भर में मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी सेवा जोरशोर के साथ शुरू हुई। मोबाइल उपभोक्ताओं ने भी इसे हाथों-हाथ लिया और मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों से परेशान उपभोक्ताओं ने नेटवर्क बदलने शुरू कर दिए। पोर्टिबिलिटी सेवा में सिर्फ टेलीकॉम कंपनी बदल रही है, नंबर नहीं बदल रहा। ऐसे में एक तरफ उपभोक्ताओं को सुविधा तो मिली लेकिन दूसरी तरफ अब कई उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। परेशानी यह है कि अब नंबर देखकर उपभोक्ता यह अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं कि यह नेटवर्क किस कंपनी का है। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियों की टैरिफ सेवा भी काम नहीं कर रही है।
क्या हो रही है परेशानी
अगर आप बीएसएनएल का टैरिफ प्रयोग कर रहे हैं तो आप बीएसएनएल पर फ्री में बात कर सकते हैं। लेकिन जब आप बीएसएनएल सीरीज के उस नंबर पर फोन करेंगे जो पोर्टिबिलिटी के सहारे अब दूसरी कंपनी का हो चुका है तो आपका टैरिफ काम नहीं करेगा। और आप बीएसएनएल का नंबर समझ कर फोन करेंगे लेकिन आप बात किसी दूसरे नेटवर्क पर कर रहे होंगे। ऐसे में आपको उस बातचीत की कीमत चुकानी पड़ेगी।
नेटवर्क सीरीज देखकर फोन करने का जमाना अब नहीं है। टैरिफ प्लान सिर्फ एक कंपनी के नंबर पर ही लागू होता है। अन्य कंपनी के नंबर पर फोन करने के लिए अलग से टैरिफ का प्रयोग करना पड़ता है। आर्थिक क्षति से बचने के लिए उपभोक्ताओं को सतर्क होना होगा।
ईसम ¨सह, महाप्रबंधक, बीएसएनएल