निर्दलीय पर टिकी हैं कांग्रेस-बसपा की निगाह
रमन त्यागी, रुड़की: इस बार जिला पंचायत चुनाव में निर्दलीय ¨कगमेकर की भूमिका में होंगे। बसपा और कांग्र
रमन त्यागी, रुड़की: इस बार जिला पंचायत चुनाव में निर्दलीय ¨कगमेकर की भूमिका में होंगे। बसपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की निगाह निर्दलीय पर टिकी हुई हैं। इस बार जिले में सर्वाधिक निर्दलीय प्रत्याशी ही जीतकर आए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के साथ ही बसपा एवं कांग्रेस सबसे अधिक सक्रिय नजर आ रही है। दरअसल, इस बार जिला पंचायत की 47 सीट हैं। इस बार निर्दलीय जिला पंचायत सदस्यों की संख्या सर्वाधिक 17 है । जबकि कांग्रेस के 11 और बसपा के 16 जिला पंचायत सदस्य हैं। भाजपा के सबसे कम तीन सदस्य इस बार चुनाव जीतकर आए हैं। कांग्रेस की ओर से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी के छोटे भाई की पत्नी सविता चौधरी को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है। चौधरी राजेंद्र ¨सह ने बताया कि कई निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य कांग्रेस पार्टी के साथ हैं, इसलिए कांग्रेस को कोई ¨चता नहीं है। वहीं बसपा की ओर से अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। अगले सप्ताह ही उम्मीदवार घोषित होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद के भाई सत्तार अली या उनके भाई की पत्नी और निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अंजुम बेग को बसपा जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार घोषित कर सकती है। पूर्व विधायक शहजाद ने बताया कि पार्टी का उम्मीदवार पार्टी के प्रदेश प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष तय करेंगे। उन्होंने बताया कि पार्टी पूरी तरह से संगठित है और इस बार भी जिला पंचायत अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी का ही होगा।
अधिकांश निर्दलीय हुए भूमिगत
जिला पंचायत चुनाव की घोषणा होते ही अधिकांश निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य भूमिगत हो गए हैं। कइयों के तो मोबाइल फोन स्विच आफ आ रहे हैं तो कुछ ने अपने फोन परिवार के अन्य सदस्यों को थमा दिए हैं।
पार्टियों को भी सेंधमारी की आशंका
जिला पंचायत चुनाव की घोषणा होने के साथ ही बसपा, कांग्रेस एवं भाजपा को भीतरघात होने की आशंका सता रही है। इसके चलते इन पार्टियों के पदाधिकारी भी बेहद चौकन्ने नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि इन पार्टियों के जिला पंचायत सदस्यों को कुछ दिनों के लिए बाहर भेजा जा सकता है।
सत्ता खोने का हो सकता है नुकसान
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव समाप्त होने के बाद कई निर्दलीय जिला पंचायत सदस्यों ने कांग्रेस की झंडी गाड़ी पर लगा लिया था। अब प्रदेश से कांग्रेस की सत्ता खिसकते ही कई सदस्यों ने गाड़ी से झंडे उतार दिए हैं। हालांकि कांग्रेस दावा कर रही है कि कई निर्दलीय उसके साथ हैं, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार न होने के चलते कांग्रेस को नुकसान भी हो सकता है।