किसान जागे पर सोए फल उत्पादक
रमन त्यागी, रुड़की: पिछले साल आई प्राकृतिक आपदा से गेहूं जैसी फसल उगाने वाले किसान तो जागे हैं लेकिन
रमन त्यागी, रुड़की: पिछले साल आई प्राकृतिक आपदा से गेहूं जैसी फसल उगाने वाले किसान तो जागे हैं लेकिन फल उत्पादकों की नींद अब भी नहीं टूटी है। 13 हजार से अधिक किसानों ने फसल का बीमा करा लिया है लेकिन फल उत्पादकों ने खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है। पूरे जिले से मात्र 67 फल उत्पादकों ने ही बीमा कराया है जबकि इनकी संख्या करीब 11 हजार 340 है। जबकि पिछले साल आई आपदा में आम और लीची की फसल को ही सबसे अधिक नुकसान पहुंचा था।
जिले में गेहूं और गन्ना के बाद सबसे अधिक क्षेत्रफल बागवानी का है। इस समय जिले में 5536 हेक्टेयर भूमि पर तो आम के बाग खड़े हुए हैं, जो उत्पादन दे रहे हैं। इसके अलावा, 1526 हेक्टेयर पर खडे़ लीची के बाग उत्पादन दे रहे हैं। पिछले साल सर्दी के मौसम में हुई अतिवृष्टि और ओलावृष्टि के कारण आम और लीची को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा। आम के तो बाग ही फसल से खाली रह गए, जिसकी वजह से फल उत्पादकों को काफी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन की ओर से मुआवजे के नाम पर फल उत्पादकों को एक-एक हजार रुपये के चैक थमा दिए गए। इसके चलते उद्यान विभाग ने फल उत्पादकों को इस साल आम, लीची आदि का बीमा कराने की सलाह दी, ताकि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में उनके नुकसान की भरपाई हो सके, लेकिन जिले में फल उत्पादकों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इस समय बागवानी से 11 हजार 340 लोग जुडे़ हुए हैं। इसमें से 12 लीची उत्पादकों ने फसल का बीमा कराया है तो आम उत्पादक में से 55 ने ही फसल का बीमा कराया है। इसको लेकर उद्यान विभाग भी बेहद ¨चतित है। जिला उद्यान अधिकारी हितपाल ¨सह ने बताया कि पिछले साल जहां एक भी फसल उत्पादक ने बीमा नहीं कराया था, इस बार 67 ने कराया है, हालांकि यह कम हैं, इसको बढ़ाया जाएगा।
आम पर शुरु हुआ बौर आना
आम की फसल पर बौर आना शुरु हो गया है। उद्यान विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार काफी अच्छा बौर आ रहा है। मौसम अनुकूल रहा तो इस बार आम की जिले में अच्छी पैदावार रहेगी। उधर, फल उत्पादकों ने भी आम, लीची आदि पर कीटनाशकों का स्प्रे आदि करना शुरु कर दिया है।
मुआवजे के इंतजार में फल उत्पादक
जिले के काफी फल उत्पादक अभी भी मुआवजे के इंतजार में हैं। फल उत्पादक रिजवान अहमद और सुरेश आदि ने बताया कि प्रशासन की ओर से अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है, जबकि मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि प्रत्येक फल उत्पादक को मुआवजा मिलेगा।