धूमिल हुआ माडल आइटीआइ का सपना
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जगजीतपुर आइटीआइ को इंजीनियि¨रग कालेजों के मुकाबले खड़ा करने की सरकारी सोच
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जगजीतपुर आइटीआइ को इंजीनियि¨रग कालेजों के मुकाबले खड़ा करने की सरकारी सोच पर अनदेखी की गर्द जमा होने लगी है। विश्व बैंक की टीम के निरीक्षण में आइटीआइ के उच्चीकरण की सभी संभावनाएं मौजूद होने के बाद भी उम्मीदों को पंख नहीं लग सके। न तो यहां नए ट्रेड खोलने की दिशा में कोई पहल हुई और न ही पहले से चल रहे ट्रेडों को आधुनिक संसाधनों से परिपूर्ण करने में ही अधिकारियों ने कोई रुचि ली।
हरिद्वार स्थित सिडकुल में जरूरत के मुताबिक कुशल कामगार नहीं मिल पा रहे हैं। इन कंपनियों जिस तरह के प्रशिक्षित कामगार चाहिए, उसके विकल्प यहां बेहद सीमित हैं। उच्च स्तर पर वर्षों से इस समस्या का समाधान ढूंढ रहे आला अधिकारियों को अक्टूबर में तब उम्मीद की किरण दिखाई दी, जब सरकार की पहल पर विश्व बैंक की टीम जगजीतपुर आइटीआइ के आधुनिकीकरण की संभावनाओं का स्थलीय जायजा लेने पहुंची। विश्व बैंक की टीम ने पाया कि राज्य भर में संचालित 174 आइटीआइ में से जगजीतपुर आइटीआइ ऐसी हैं, जिसके आधुनिकीकरण की करीब सभी संभावनाएं यहां मौजूद हैं। परिसर में खाली पड़ी 13 हजार 982 वर्ग फीट भूमि आधा दर्जन के करीब नए ट्रेड स्थापित किए जा सकते हैं। उम्मीद जताई जा रही थी कि नए ट्रेडों को स्वीकृति और उनके स्थापना का काम दिसंबर में आरंभ हो जाएगा, लेकिन सरकारी तौर पर अभी तक इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। शैक्षणिक सत्र 2015-16 बीतने को है, लेकिन कहीं से भी उम्मीद बंधती नहीं दिख रही है। विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो अब यह प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र 2016-17 में ही शुरू हो पाने की उम्मीद है।
आइटीआइ में संचालित ट्रेड
विद्युतकार, फिटर, मोल्डर, बेल्डर, टर्नर, मशीनिष्ट, इलेक्ट्रानिक्स, रेडियो एंड टीवी, आशुलिपिक, कंप्यूटर व डाटा इंट्री। सभी ट्रेडों में कुल 252 सीटें हैं।
इन ट्रेडों के बढ़ने की है संभावनाएं
सर्वेयर, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, बि¨ल्डग मेंटीनेंस, कारपेंटर, फाउंड्रीमैन टेक्नीशियन, इन्फार्मेशन टेक्नालाजी, मैकेनिक डीजल इंजन, प्लास्टिक प्रोसे¨सग आपरेटर, प्लंबर, पम्प आपरेटर, शीट मेटल वर्कर, स्टीम टरबाइन आपरेटर व अन्य
विश्व बैंक की टीम के भ्रमण के बाद आइटीआइ के उच्चीकरण के लिए अभिलेखीय औपचारिकताएं शुरू होने की बात कही जा रही थी। उम्मीद है आने वाले शैक्षणिक सत्र में इस विषय पर ठोस पहल होगी। निदेशालय ने उच्चीकरण के संबंध में जो भी जानकारी मांगी गई थी वह मुहैय्या करा दी गई है।
एचडी शर्मा, कार्यवाहक प्रधानाचार्य, आइटीआइ जगजीतपुर