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आसान नहीं नए कप्तान की राह

संवाद सहयोगी, रुड़की: नवनियुक्त एसएसपी की जिले में राह आसानी नहीं है। इस वर्ष पर गौर करें तो इस दौर

By Edited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 01:05 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2015 01:05 AM (IST)
आसान नहीं नए कप्तान की राह

संवाद सहयोगी, रुड़की:

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नवनियुक्त एसएसपी की जिले में राह आसानी नहीं है। इस वर्ष पर गौर करें तो इस दौरान अपराधों से समूचा जिला दहला रहा। चाहे बम ब्लास्ट का मामला रहा हो या फिर भगवानपुर का दोहरा हत्याकांड। इसके अलावा हरिद्वार और रुड़की में भी कई बड़े बवाल समय-समय पर सिर उठाते रहे। इन बवालों से निपटना भी नए कप्तान के लिए चुनौती होगा। वहीं लूट, हत्या और डकैती तथा चेन स्ने¨चग की कई वारदात ठंडे बस्ते में पड़ी है। अब जबकि पंचायत चुनाव भी सिर पर हैं तो आने वाला समय चुनौतियों भरा होना तय माना जा रहा है।

गुरुवार को नवनियुक्त एसएसपी डी सैंथिल अवूदई कृष्ण राज एस ने हरिद्वार जिले का पदभार ग्रहण कर लिया। लेकिन पिछले कुछ समय से हरिद्वार एसएसपी का पद कांटो भरा साबित हो रहा है। निवर्तमान एसएसपी स्वीटी अग्रवाल के समय में छह दिसंबर को प्रदेश की सबसे बड़ी घटना हुई थी। जिसमें शौर्य दिवस पर डीएवी डिग्री कालेज के मैदान के पास बम ब्लास्ट में छात्र तुषार की मौत हो गई थी । पुलिस इस मामले का खुलासा नहीं कर पाई है। इस मामले की जांच अब एनआईए की टीम कर रही है। आंकड़ों पर गौर करे तो नौ माह के भीतर जिले में कई बड़ी आपराधिक वारदातें हुई हैं। फरवरी माह में साउथ सिविललाइंस में कारोबारी अंकुर के घर लूटपाट के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले का खुलासा नहीं हो सका है। इसके अलावा भगवानपुर के खेड़ी शिकोहपुर गांव का दोहरा हत्याकांड, तथा रुड़की में एक माह के भीतर डकैती की दो बड़ी वारदातें चर्चाओं में रही है। वहीं क्षेत्र के रामपुर, किशनपुर और खुब्बनपुर गांव में कई बड़े बवाल हो चुके है। रामपुर के बवाल में तो कई पुलिसकर्मी समेत करीब 16 लोग घायल हो गए थे। इन बवालों से निपटना और अपराधों पर अंकुश लगाना तो नए एसएसपी के लिए चुनौती होगा ही। नौ माह के कार्यकाल में वारदातों से पुलिस का मनोबल में गिरावट आई है। पुलिस के मनोबल को कायम रखना भी एसएसपी के लिए चुनौती होगा। साथ ही लंबित चल रहे लूट और हत्या तथा सेंधमारी की घटनाओं के खुलासे पर भी उनकी नजर रहेगी। हरिद्वार और मंगलौर में भी हत्या के बाद बड़े बवाल हो चुके है। जिन्हें शांत करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस तरह के बवाल से निपटने के लिए नए एसएसपी को नई रणनीति तैयार करनी होगी।

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यह मामले बनेंगे चुनौती

-त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव

-लगातार वारदात कर रहे चेन लुटेरे

-शहर से लेकर देहात तक बदमाशों पर अंकुश लगाना

-शहर और देहात में चोरी की घटनाएं रोकना

-छोटी-छोटी बातों पर हो रहे बवालों का रोकना

-देहात क्षेत्र में खनन के मामले

-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाशों पर लगाम कसना


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