इस बार गुरु पूर्णिमा विशेष योग में
रुड़की : इस बार गुरु पूर्णिमा विशेष योगों में 31 जुलाई को होगी। श्री शिव शक्ति ज्योतिष अनुसंधान केंद्
रुड़की : इस बार गुरु पूर्णिमा विशेष योगों में 31 जुलाई को होगी। श्री शिव शक्ति ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने बताया कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूजा भी कहा जाता है।
भक्तों को गुरु पूर्णिमा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि गुरु की पूजा और गुरु का आदर किसी व्यक्ति की पूजा नहीं है बल्कि गुरु के देह के अंदर जो विदेही आत्मा है उसका आदर होता है। उन्होंने बताया कि वशिष्ठ महाराज के पौत्र पराशर ऋषि के पुत्र वेदव्यास जन्म के कुछ समय बाद ही मां से बोले कि मैं तपस्या करने जा रहा हूं और वे बदरिकाश्रम में तपस्या करने लगे। बेर पर जीवन यापन करने के कारण उनका नाम बादरायण पड़ा। व्यास जी दीप में प्रकट हुए। पत्र वेदों का विस्तार करने के कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा। इनके नाम पर आषाढ़ पूर्णिमा व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह सबसे बड़ी पूर्णिमा मानी जाती है। इस दिन गुरु पूजन करना चाहिए।