करुणा के सागर है भगवान
हरिद्वार: भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्चयुतानंद ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण करुणा के सागर हैं जो समाज में
हरिद्वार: भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्चयुतानंद ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण करुणा के सागर हैं जो समाज में समरसत्ता का भाव जागृत करने के लिए अवतार लेते हैं, जबकि साधारण प्राणी को कर्म करने के लिए जन्म लेना पड़ता है। यह बात उन्होंने सप्तसरोवर मार्ग स्थित भूमा घाट पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के मध्य कही।
कथा व्यास पं. श्यामसुंदरदास ने श्रीकृष्ण का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण की लीलाएं चमत्कारी हैं। श्रीहरि एक मात्र ऐसे सृष्टि के स्वामी थे, जिन्होंने धराधाम पर अवतरित होते ही अपने आने का संदेश दे दिया और एक साथ दो माता एवं दो पिताओं को पुत्र रूप में दर्शन दिए। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी एक उंगली पर पर्वत उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी। कथा यजमान सत्यवती, मुकेश गुप्ता, आशीष गुप्ता, संजीव गुप्ता आदि ने व्यासपीठ की आरती उतारकर भगवान के बालरूप का मंगल स्नान कराया।