खनन के विरोध में स्वामी आत्मबोधानन्द का अनशन शुरू
गंगा क्षेत्र में खनन के पट्टे निरस्त करने की मांग को लेकर मातृ सदन के स्वामी आत्मबोधानंद ने अनशन शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने हरिद्वार के जिलाधिकारी पर झूठे आवश्वासन देने उन्हें निलंबित करने की मांग भी की।
हरिद्वार। गंगा क्षेत्र में खनन के पट्टे निरस्त करने की मांग को लेकर मातृ सदन के स्वामी आत्मबोधानंद ने अनशन शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने हरिद्वार के जिलाधिकारी पर झूठे आवश्वासन देने उन्हें निलंबित करने की मांग भी की।
हरिद्वार में खनन के खिलाफ मातृ सदन की ओर से समय-समय पर आंदोलन किया जा रहा है। इसके तहत जनवरी माह मेें स्वामी आत्मबोधानंद 22 दिन आमरण अनशन पर बैठे थे। तब जिला प्रशासन ने गंगा क्षेत्र में खनन के लिए जारी किए गए पट्टों पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद प्रशासन ने फिर से पट्टों को खोल दिया। इसके विरोध में मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद 31 मार्च को अनशन पर बैठे। उनका अनशन 21 अप्रैल तक चला। तब भी प्रशासन ने खनन पट्टों पर रोक लगा दी थी। फिर से खनन पट्टे खोलने के विरोध में शनिवार को मातृ सदन में ही स्वामी आत्मबोधानंद ने अनशन शुरू कर दिया। फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी धरनास्थल पर नहीं पहुंचा।
इस मौके पर स्वामी आत्मबोधानंद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रशासन खनन के मामले में झूठे आश्वासन दे रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा क्षेत्र के सभी खनन पट्टे बंद किए जाने चाहिए। साथ ही बार-बार खनन खोलने के मामले में जिलाधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने हाई कोर्ट के सिटिंग जज से हरिद्वार में गंगा क्षेत्र में हो रहे खनन की जांच कराने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि स्टोन क्रशरों को भी गंगा क्षेत्र से पांच किलोमीटर दूर स्थापित किया जाना चाहिए।
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