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टीएचआर से लाभान्वित होंगे छूटे बच्चे व गर्भवती

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिन बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टेक होम राशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा

By Edited By: Published: Wed, 06 May 2015 04:23 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 04:23 PM (IST)
टीएचआर से लाभान्वित होंगे छूटे बच्चे व गर्भवती

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जिन बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टेक होम राशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है उनके लिए अच्छी खबर है। टेक होम राशन योजना का लाभ प्रत्येक बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को मिले, इसके लिए महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग सर्वे कराएगा। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर विभागीय अधिकारियों ने छूटे बच्चे व गर्भवती को चिन्हित करने को सर्वे शुरू करने के लिए कवायद शुरू कर दी है।

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हरिद्वार में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की 11 परियोजनाएं हैं। इन परियोजनाओं के तहत 3176 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। सरकार की ओर से शून्य से तीन साल तक के च्च्चों एवं गर्भवती महिलाओं को टेक होम राशन के तहत खाद्यान्न दिया जाता है, लेकिन कई लाभार्थी योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए हैं। हर साल रुड़की, हरिद्वार, मंगलौर, भगवानपुर, नारसन, बहादराबाद, पथरी आदि स्थानों पर नई कॉलोनियां बन रही हैं। साथ ही किरायेदार भी बदल जाते हैं। इस कारण कई च्च्चे, गर्भवती महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों ने योजना का लाभ लेने से छूटे च्च्चों व गर्भवती महिलाओं का सर्वे कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्य विकास अधिकारी रंजना ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक वार्ड में सर्वे कराया जाए। इसमें देखा जाएगा कि कोई च्च्चा व गर्भवती महिला योजना का लाभ लेने से वंचित तो नहीं है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी मोहित चौधरी ने बताया कि नई कॉलोनियां भी बन रही हैं। ऐसे में च्च्चे व गर्भवती के छूटने की संभावना रहती है। इसलिए सर्वे की प्रकिया शुरू कर दी गई है। बताया कि खुद भी लाभार्थी निकट के आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण करा सकते हैं।

हर महीने वजन कराना जरूरी

डीपीओ मोहित चौधरी ने बताया कि प्रत्येक महीने की पंद्रह तारीख को आंगनबाड़ी केंद्र च्े बच्चों का वजन लिया जाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्री, सहायिका, सुपरवाइजर की जिम्मेदारी अधिक है। साथ ही परिजनों की भी जिम्मेदारी है कि वे अपच्े बच्चों का वजन अवश्य करें। अगच् बच्चे कुपोषित एवं अतिकुपोषित की श्रेणी में आते हैं चे बच्चों को योजना के तहत स्वास्थ्य उपचार दिया जाएगा।


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