अब दादी अम्मा को नहीं आना होगा केंद्र
जागरण संवाददाता, रुड़की: अब दादी अम्मा को भोजन के लिए रोजाना आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं आना होगा। गर्
जागरण संवाददाता, रुड़की: अब दादी अम्मा को भोजन के लिए रोजाना आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं आना होगा। गर्भवती, धात्री और छह माह से तीन साल तक के बच्चों की तरह उन्हें भी टेक होम राशन (टीएचआर) उपलब्ध करवाया जाएगा। रुड़की क्षेत्र में मंगलवार से वृद्ध महिलाओं को भी टीएचआर देना शुरू कर दिया गया है।
प्रदेशभर में मुख्यमंत्री की ओर से एक जनवरी से लागू वृद्ध महिला पोषण योजना में बदलाव कर दिया गया है। अब लाभार्थियों को दोपहर के भोजन के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं आना पड़ेगा, बल्कि उन्हें भी हर महीने टीएचआर मुहैया करवाया जाएगा। लाभार्थियों को हर महीने की पांच तारीख को डेढ़ सौ रुपये का राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके तहत उन्हें राशन में दलिया, किशमिश, चना, छिलके वाली मूंग दाल दी जाएगी। योजना में बदलाव से वृद्ध महिलाओं को काफी सहूलियत होगी। उन्हें रोज-रोज भोजन के लिए केंद्रों में नहीं आना पड़ेगा।
क्यों पड़ी बदलाव की जरुरत
इस साल जनवरी से प्रदेश में वृद्ध महिला पोषण योजना की शुरुआत की गई थी, लेकिन वृद्ध महिलाओं को योजना पसंद नहीं आई। भोजन के लिए रोजाना केंद्रों की दौड़ लगाना वृद्ध महिलाओं के लिए संभव नहीं था। उधर, कई अन्य कारणों से भी लाभार्थियों ने इस योजना में रूचि नहीं ली। अधिकांश लाभार्थियों ने योजना का लाभ लेने से इनकार कर दिया। साथ ही उनकी ओर से टीएचआर की मांग की गई। इसके बाद ही योजना में बदलाव करने का निर्णय लिया गया।
क्या थी योजना
वृद्ध महिला पोषण योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने वाली 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र की बुजुर्ग महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों में दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाया जाता था। इसके लिए लाभार्थियों को रोजाना केंद्रों में आना था। हर दिन मैन्यू में अलग-अलग खाद्य सामग्री को रखा गया था।
ये मिलेगा राशन में
दलिया- डेढ़ किलो
किशमिश- 275 ग्राम
चना- 250 ग्राम
मूंग दाल (छिलके वाली)- 500 ग्राम
अधिकारियों ने किया निरीक्षण
रुड़की में गणेशपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र चार और पांच में आइएएस प्रशिक्षु मयूर दीक्षित और डीपीओ मोहित चौधरी ने वृद्ध महिला पोषण योजना की शुरुआत की। उन्होंने सभी कार्यकत्रियों और मुख्य सेविकाओं को गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्य सेविकाएं कार्यालय में बैठने की बजाए क्षेत्रों का निरीक्षण अधिक करें। डीपीओ मोहित चौधरी ने बताया कि अब प्रत्येक माह की पांच तारीख को गर्भवती, धात्री और छह माह से लेकर तीन साल तक के बच्चों के साथ-साथ वृद्ध महिलाओं को भी टीएचआर दिया जाएगा। मंगलवार को तीनों परियोजनाओं के अंतर्गत आने वाले केंद्रों में लाभार्थियों को टीएचआर बांटा गया।