शहर की किसी कोतवाली में नहीं महिला उपनिरीक्षक
जागरण संवाददाता, रुड़की: शहर के थाना-कोतवाली में सुप्रीम कोर्ट के नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा
जागरण संवाददाता, रुड़की: शहर के थाना-कोतवाली में सुप्रीम कोर्ट के नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के मुताबिक महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों की विवेचना महिला अधिकारी ही करें, लेकिन रुड़की शहर की किसी भी कोतवाली में महिला उपनिरीक्षक नहीं हैं। ऐसे में महिलाओं के उत्पीड़न से जुड़े मामले भी पुरूष अधिकारी ही कर रहे हैं।
रुड़की शहर की बात की जाए तो यहां पर दो कोतवाली हैं। दोनों कोतवाली में इंस्पेक्टर की तैनाती से लेकर उप निरीक्षक एवं कांस्टेबल की तैनाती को लेकर मारामारी रहती है। लंबे समय से दोनों कोतवाली में एक भी महिला सब इंस्पेक्टर नहीं हैं। ऐसे में महिलाओं के यौन शोषण से जुडे़ मामलों की जांच-पड़ताल का जिम्मा पुरुष दरोगाओं के ही पास है। गंगनहर में दुष्कर्म के चार मामलों की जांच-पड़ताल पुरुष दरोगाओं की ओर से की जा रही है। सिविल लाइंस कोतवाली में दो मामलों की जांच पुरुष उप निरीक्षक ही जांच कर रहे हैं। महिला उप निरीक्षक ही पीड़िता को लेकर अदालत में बयान दर्ज करवाने के लिए जाते हैं, हालांकि इस दौरान उनके साथ महिला कांस्टेबल या महिला होमगार्ड मौजूद रहती है।
आनन फानन भेजना पड़ा महिला हेल्प लाइन मामला
पिछले दिनों बरेली निवासी महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पहले तो जांच एक दरोगा सुभाष चंद्र को दी गई, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए बाद में मामले की विवेचना महिला हेल्प लाइन की इंचार्ज को स्थानांतरित कर दी गई।
देहात के पांच थानों में भी दो महिला उप निरीक्षक
रुड़की शहर की दोनों कोतवाली के अलावा देहात क्षेत्र के मंगलौर कोतवाली में एक महिला उप निरीक्षक है। कलियर, भगवानपुर व झबरेड़ा में कोई महिला उपनिरीक्षक नहीं है। बुग्गावाला में महिला उपनिरीक्षक थानाध्यक्ष है, इसके अलावा यहां पर कोई उप निरीक्षक नहीं है।
'न्यायालय की गाइड लाइन है कि महिलाओं के यौन शोषण से जुडे़ मामलों की जांच महिला जांच अधिकारी की ओर से ही करानी चाहिए। विभाग को चाहिए कि प्रत्येक थाने में कम से कम एक महिला उपनिरीक्षक की तैनाती जरूरी है।'
लिल्लू सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व बार अध्यक्ष रुड़की
'चुनाव के बाद थानों में महिला उप निरीक्षकों की तैनाती की जाएगी। अभी भी महिला उत्पीड़न के गंभीर मामलों की जांच दूसरे थाने या हरिद्वार में कार्यरत महिला उप निरीक्षक से कराई जा रही है।'
संजय गुंज्याल, आइजी गढ़वाल रेंज