जमीन के फेर में अटका बिजली घरों का निर्माण
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: हरिद्वार रुड़की शहर में लगातार आबादी बढ़ रही है। आबादी बढ़ने के साथ बिजली
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: हरिद्वार रुड़की शहर में लगातार आबादी बढ़ रही है। आबादी बढ़ने के साथ बिजली की मांग भी बढ़ी है, लेकिन बिजली की मांग को पूरा करने के लिए अभी नए बिजली घरों की स्थापना नहीं हो पाई है। इसके पीछे का प्रमुख कारण यह है कि यहां सघन आबादी के बीच बिजली घर स्थापित करने के लिए स्थान ही नहीं मिल पा रहा है।
लगातार बढ़ती आबादी के कारण पिछले दस सालों में केवल हरिद्वार शहर में बिजली की डिमांड में 30 फीसद का उछाल आया है। इस आपूर्ति को पूरा करने में पुराने बिजली घरों में लगे ट्रांसफार्मर हांफने की स्थिति में है। ऊर्जा निगम ने आपूर्ति सुचारु रखने के लिए कुंभ के समय में प्रस्ताव तैयार किए थे। इसके लिए तत्काल केंद्र सरकार से रिस्ट्रक्चर्ड एक्सलेंरेटेड पावर डेवलपमेंट रिफार्म प्रोग्राम (आरएपीडीआरपी) योजना के तहत धनराशि भी स्वीकृत की। हरिद्वार जिले के लिए सात बिजली घर स्वीकृत हुए। इसमें दो रुड़की शहर, तीन हरिद्वार शहर व दो देहात क्षेत्र में बनने हैं। देहात क्षेत्र में तो आसानी से ऊर्जा निगम को भूमि मिल चुकी है, लेकिन रुड़की व हरिद्वार शहर में बिजली घर स्थापित करने के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है। निगम ने कई बार नगर निगम, राजस्व विभाग से भी संपर्क कर दिया है। हरिद्वार में स्थापित होने वाले बिजली घरों रानीपुर मोड़, ज्वालापुर, शिवालिक नगर शामिल है।
बिजली घर बनाने के लिए पैसा भी पर्याप्त है, लेकिन जिन स्थानों पर बिजली की अधिक जरूरत है। वहां बिजली घर बनाने के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है। हरिद्वार में तीन व रुड़की में दो बिजली घर बनने प्रस्तावित हैं।
- राहुल जैन, ईई, आरएपीडीआरपी योजना