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पार्षद और राजस्व निरीक्षक में नोकझोंक, तालाबंदी

जागरण संवाददाता, रुड़की: आरसी जारी करने के बाद वापस लेने के आश्वासन और अधिक बिल लेने पर निगम पार्षद क

By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 05:54 PM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 05:54 PM (IST)
पार्षद और राजस्व निरीक्षक में नोकझोंक, तालाबंदी

जागरण संवाददाता, रुड़की: आरसी जारी करने के बाद वापस लेने के आश्वासन और अधिक बिल लेने पर निगम पार्षद की जल संस्थान के कर-राजस्व निरीक्षक और कर्मचारी संघ के अध्यक्ष के साथ नोकझोंक हो गई। मामला तूल पकड़ने पर जलसंस्थान के कर्मचारियों ने ट्यूबवेल बंद कर कार्यालय में तालाबंदी कर दी। प्रकरण को लेकर नगर निगम के मेयर और जल संस्थान के अधिशासी अभियंता के बीच लंबी वार्ता के बाद मामला सुलझा।

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सिविल लाइंस निवासी श्रवण कुमार पर जल संस्थान का करीब 61 हजार रुपये बकाया था। भुगतान न करने पर जल संस्थान ने उपभोक्ता की आरसी काट दी थी। इस पर अमीन ने घर जाकर उपभोक्ता से दस प्रतिशत समेत बिल का भुगतान करने की बात कही। इसके बाद उपभोक्ता ने जल संस्थान अधिकारियों को बिल अधिक होने की जानकारी दी। आरोप है कि जल संस्थान कर्मियों ने दस प्रतिशत सरचार्ज अमीन को देने के बाद बिल कम करने का आश्वासन दिया। शुक्रवार को उपभोक्ता और नगर निगम पार्षद रविंद्र खन्ना जल संस्थान कार्यालय पहुंचे, जहां पार्षद रविंद्र खन्ना ने कहा कि वर्ष 2002 से पूर्व जल संस्थान नगर निगम से जुड़ा था। 2002 के बाद बिल लिया जाना चाहिए, जबकि उससे पहले का भी बिल जोड़ा गया। कहा कि ऐसे में उपभोक्ता को दस प्रतिशत के आधार पर अधिक भुगतान करना होगा, जो सही नहीं है।

इसी प्रकरण को लेकर पार्षद की जल संस्थान के कर एवं राजस्व निरीक्षक एवं जल संस्थान कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजकुमार से नोकझोंक हो गई। आरोप है कि पार्षद ने अभद्रता की। इस पर कर्मचारियों का पारा चढ़ गया। किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कराया गया। पार्षद के जाने के बाद उत्तराखंड पेयजल कर्मचारी संघ व पेयजल तकनीक फील्ड कर्मचारी संगठन ने सर्वसम्मति से जल संस्थान कार्यालय आकर पार्षद के खिलाफ तहरीर दिए जाने की बात कही। सूचना मिलने पर रुड़की पहुंचे जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता डीपीश्रीवास्तव ने एई अशोक कुमार और राजकुमार से प्रकरण की जानकारी ली। इसी दौरान, नगर निगम मेयर यशपाल राणा, पार्षद रविंद्र खन्ना, पूर्व सभासद अनूप गुप्ता आदि भी जल संस्थान कार्यालय पहुंच गए और ईई से वार्ता की। अधिक बिल लिए जाने का विरोध किया। कहा कि जल संस्थान कर्मचारी गलत तरीके से बिल अधिक बनाकर उपभोक्ताओं का शोषण कर रहे हैं। करीब आधा घंटा वार्ता के दौरान कोई हल न निकलने पर जल संस्थान कर्मचारियों ने कैश काउंटर पर तालाबंदी कर नारेबाजी की। मेयर और पार्षद के जाने पर कर्मचारियों ने ट्यूबवेल बंद कर दिए। इसके बाद दोबारा से इइ, नगर निगम मेयर और पार्षद के बीच वार्ता हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता करा दिया गया। ईई डीपी श्रीवास्तव ने कहा कि पार्षद ने कर्मचारी राजकुमार के साथ अभद्र व्यवहार किया। मामले में सुलह हो गई है। किसी भी सूरत में आरसी वापस नहीं होगी।

मेयर ने की सिफारिश

जल संस्थान अधिकारियों ने रुड़की कार्यालय में तैनात अनुचर राजेंद्र रावत का स्थानांतरण लक्सर कार्यालय में कर दिया है। इसकी जानकारी मिलने पर नगर निगम मेयर यशपाल राणा ने जल संस्थान के ईई डीपी श्रीवास्तव से स्थानांतरण रोके जाने की बात कही, जिस पर ईई ने इंकार कर दिया। कर्मचारी राजेंद्र ने आरोप लगाया कि जल संस्थान के अधिकारी उससे बाबू स्तर का कार्य ले रहे हैं। उन्होंने शोषण का भी आरोप लगाया।

कार्यालय शिफ्ट का दिया अल्टीमेटम

बिल प्रकरण को लेकर मेयर का पारा इस कदर चढ़ा कि एक बार तो उन्होंने जल संस्थान के ईई से तत्काल निगम स्थित जल संस्थान कार्यालय को अन्यत्र शिफ्ट करने का ही अल्टीमेटम दे दिया। हालांकि ईई के शांत रुख को देख मेयर भी ठंडा पड़ गए।


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