प्रशिक्षण के अभाव में मेडिकल किट बेकार
जागरण संवाददाता, रुड़की: परिवहन निगम की ओर से परिचालकों को बिना प्रशिक्षण दिए ही मेडिकल किट पकड़ाए जा
जागरण संवाददाता, रुड़की: परिवहन निगम की ओर से परिचालकों को बिना प्रशिक्षण दिए ही मेडिकल किट पकड़ाए जा रहे हैं। जानकारी के अभाव में इनका उपयोग नहीं हो रहा है। मेडिकल किट भी आधा-अधूरा ही पड़ा है।
परिवहन निगम की बसों को रूट पर रवाना करने से पहले परिचालकों को ई टिकटिंग मशीन, बैग और प्राथमिक चिकित्सा किट दी जाती है। हालांकि परिचालकों को दवाओं के बारे में जानकारी न होने से इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। रुड़की डिपो की बस संख्या यूके-07 पीए 1461 में चिकित्सा किट में रखी दवाओं को एक साल में उपयोग में नहीं लाया गया। इसके अलावा कई अन्य परिचालकों ने भी बताया कि वह हर रोज किट लेकर जाते हैं, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि किस बीमारी की दवा कौन सी है। उन्हें एक साल से कोई प्रशिक्षण नहीं दिया है। इसलिए बस में किसी यात्री को उल्टी, दस्त, पेट दर्द, या सिर दर्द आदि की शिकायत होती है तो वह दवा नहीं दे पाते। इसलिए किटों में रखी पांच-पांच टेबलेट वैसी ही पड़ी हैं।
किट भी है आधी-अधूरी
रुड़की परिवहन निगम की अधिकांश बसों में तो प्राथमिक चिकित्सा किट आधी-अधूरी है। अधिकांश किट से सेवलोन, डिटोल गायब है। इसके अलावा वाटरफ्रुफ बैंडेड के अलावा रूई तक नहीं है।
'डिपो की ओर से जब भी प्राथमिक चिकित्सा किट की डिमांड की जाती है तो उन्हें उपलब्ध कराया जाता है। वह स्वयं गढ़वाल मंडल की विभिन्न डिपो में जाकर बसों की प्राथमिक चिकित्सा किट की जांच-पड़ताल करेंगे।
मुकुल पंत मंडलीय प्रबंधक तकनीकी
'परिचालकों को प्राथमिक चिकित्सा के प्रशिक्षण में मुझे जानकारी नहीं है। इस बाबत जानकारी की जा रही है। यदि प्रशिक्षण नहीं हुआ तो यह गंभीर है। जल्द ही सभी परिचालकों को प्राथमिक चिकित्सा के लिए प्रशिक्षण डिपो स्तर पर दिए जाएंगे।
बृजेश कुमार संत प्रबंध निदेशक परिवहन निगम