मलिन बस्तियों पर भी लगेगा हाउस टैक्स
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: बिजली, पानी, सड़क, सीवर जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ ले रहे मलिन बस्तिवासिय
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: बिजली, पानी, सड़क, सीवर जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ ले रहे मलिन बस्तिवासियों से भी नगर निगम टैक्स वसूलेगा। हालांकि शहरी विकास विभाग के शासनादेश के विधिक परीक्षण के बाद ही इसे धरातल पर उतारा जाएगा।
एक अनुमान के मुताबिक नगर में करीब 40 हजार भवन हैं। राज्य गठन के बाद से कनखल को छोड़ भवनों का सामान्य पंचवर्षीय कर निर्धारण नहीं हुआ है। इस अवधि में 15 हजार से अधिक नये भवन भी बने। इन भवनों पर टैक्स न लगने से निगम के राजस्व को चूना लग रहा है। इसके अलावा शहर में 47 मलिन बस्तियां भी हैं। इनमें कई बस्तियां ऐसी ही जो शहर की पॉश कॉलोनियों को भी मात दे रही हैं। सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने वाली इन बस्तियों से भी निगम को टैक्स के रूप में एक पाई भी नहीं मिल रहा है। हाउस टैक्स सर्वे और पंचवर्षीय कर निर्धारण प्रक्रिया में तेजी लाने को निगम प्रशासन सेल्फ असेस्मेंट व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत निगम प्रशासन बिजली, पानी, सड़क, सीवर जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ लेने वाली मलिन बस्तियों पर भी टैक्स लगाने की योजना बना रहा है। हांलाकि योजना को धरातल पर उतारने से पूर्व नगर निगम प्रशासन शहरी विकास विभाग के उस शासनादेश का भी विधिक परीक्षण करेगा, जिसमें इससे संबंधित उल्लेख है।
सरकारी भूमि पर तमाम बस्तियां
नगर सीमा अंतर्गत मलिन बस्तियां निजी, सरकारी और निगम भूमि पर बने हैं। इन बस्तियों में बने आवासों पर टैक्स लगने से ये सरकारी या निगम भूमि पर स्वामित्व का दावा न करें इसके लिये सेल्फ असेस्मेंट फार्म में बकायदा इस बात का भी उल्लेख होगा कि संबंधित स्लम में बने आवास सरकारी या नगर निगम भूमि पर बने हैं।
'सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने वाली मलिन बस्तियों से भी बकायदा टैक्स लेने का प्रावधान है। इस संबंध में शहरी विकास विभाग का बकायदा शासनादेश भी है। संबंधित जीओ के विधिक परीक्षण के बाद ही अग्रिम कार्रवाई संभव है।'
विप्रा त्रिवेदी, एमएनए, नगर निगम, हरिद्वार