दो सप्ताह बाद भी निर्विवादित जोन फाइनल नहीं
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: वेंडिंग जोन में रोजगार को लेकर स्ट्रीट वेंडर अब भी निगम का मुंह ताक रहे ह
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: वेंडिंग जोन में रोजगार को लेकर स्ट्रीट वेंडर अब भी निगम का मुंह ताक रहे हैं। करीब दो सप्ताह पूर्व निर्विवादित जोन में सप्ताह भर के भीतर स्थापित करने की निगम प्रशासन की घोषणा के बाद भी कार्रवाई एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। चिह्नित 15 जोन में से निर्विवादित जोन का भी अब तक चयन नहीं हुआ है।
29 नवंबर 2011 को राज्य फेरी नीति नियमावली का जीओ जारी हुआ। इसे कुछ संशोधनों के बाद राज्य सरकार ने इसे मूर्त रूप देने को नगर निकायों को आदेशित किया। इस पर प्रशासक के समय टाउन वेडिंग कमेटी की तर्ज पर एक कमेटी बनाई। इस कमेटी ने 15 वेडिंग जोन चिह्नित किए, जिसमें करीब पांच हजार लघु व्यापारियों को रोजगार देने की बात कही गई। चिह्नित जोन को लेकर सिंचाई, लोनिवि समेत कुछ विभागों की आपत्ति के चलते मामला अधर में लटक गया। निगम चुनाव के बाद एमएनए ने मामले को आगे बढ़ाया। टाउन वेडिंग कमेटी गठन को लेकर करीब दो-ढाई माह पूर्व टाउन हॉल में बैठक भी बुलाई। 11 सदस्यीय कमेटी में चालीस फीसद लघु व्यापारियों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान था। लघु व्यापारियों के हो-हंगामे के चलते कमेटी का गठन नहीं हो पाया। गत 14 जनवरी को टीवीसी गठन की दुबारा कवायद शुरू हुई। पहले चरण में एमएनए ने स्ट्रीट वेंडरों को बुलाया। इनके रजिस्ट्रेशन संबंधी प्रपत्रों की जांच पड़ताल भी की। यहां तक कि वेंडरों ने बैठक में चिह्नित वेंडिंग जोन में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कराने पर भी सहमति दी। वेंडरों की सहमति पर एमएनए ने इन्हें चिह्नित जोन में से निर्विवादित वेंडिंग जोन में स्थापित करने की प्रक्रिया सप्ताह भर के भीतर शुरू कराने का आश्वासन दिया था। साथ-साथ लाइसेंसिस प्रक्रिया भी शुरू करने की बात कही, लेकिन अब तक निगम की घोषणा धरातल पर नहीं उतरी है। निर्विवादित जोन का अब तक फाइनल नहीं है। इससे निगम प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पंद्रह जोन में निर्विवादित जोन का चयन किया जा रहा है। कुछ जोन चिह्नित भी किए हैं। जल्द संबंधित जोन में कारोबार कर रहे वेंडरों को लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे।
विप्रा त्रिवेदी, एमएनए, नगर निगम