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ऋतुराज के स्वागत में लगाई गंगा में डुबकी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: प्रकृति श्रृंगार का पर्व वसंत पंचमी धर्मनगरी में धूमधाम से मनाया गया। इ

By Edited By: Published: Sat, 24 Jan 2015 05:10 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jan 2015 05:17 AM (IST)
ऋतुराज के स्वागत में लगाई गंगा में डुबकी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार:

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प्रकृति श्रृंगार का पर्व वसंत पंचमी धर्मनगरी में धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही ऋतुराज वसंत का आगमन भी हो गया। जीवन में ऊर्जा, उत्साह और उमंग का संचार करने वाली पंचमी पर श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी पर गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। प्रकृति श्रृंगार से जुड़े इस पर्व का आध्यात्मिक महत्व भी है, जिसके तहत छात्रों ने सरस्वती पूजन किया।

माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचम तिथि को वसंत पंचमी कहा जाता है। शास्त्रों में इसे श्री पंचमी भी कहा गया है। कहते हैं कि इस दिन प्रकृति शरद ऋतु का त्याग कर वसंत ऋतु में प्रवेश करती है। वसंत पंचमी का पर्व सर्वार्थ सिद्ध योग है। इस दिन बिना किसी मुहूर्त के विवाह समेत अन्य सभी मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। बहरहाल, शनिवार को भक्तों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगा ऋतुराज वसंत का स्वागत किया। इसके बाद धार्मिक कार्यक्रम हुए और विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती का पूजन अर्चना कर आशीर्वाद लिया गया।

शिक्षण संस्थाओं में सरस्वती पूजन

विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में वसंत पंचमी पर कार्यक्रम हुए। विष्णु गार्डन स्थित लिटिल मैरी स्कूल में शिक्षकों-अभिभावकों और विद्यार्थियों ने सरस्वती पूजन किया। इसके बाद पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रधानाचार्य मंजू सिंह, सुरभि अरोड़ा, ऋतु चौधरी आदि मौजूद रहे।

सरस्वती के साथ भगवती पूजन

साल में केवल दो बाहर ही प्रकट नवरात्र आते हैं, जबकि गुप्त नवरात्र हर माह में आते हैं। इस बार वसंत पंचमी और गुप्त नवरात्र साथ हैं। इसलिए सरस्वती के साथ भगवती की पूजा भी हुई। विभिन्न स्थानों पर होलिका दहन के लिए ध्वज स्थापना भी हुई।

बदलता रहा रंग

वसंत पंचमी के दिन धर्मनगरी के मौसम ने कई रंग दिखाए। सुबह हरकी पैड़ी और उससे आगे घना कोहरा था। दोपहर बाद कोहरा छंटा और धूप खिली। भाष्कर देव ने ओज बिखेरा तो हरकी पैड़ी पर स्नानार्थियों की भीड़ भी कुछ बढ़ी।


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