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गैरइरादतन हत्या में सात साल की कैद

संवाद सूत्र, लक्सर: अवैध संबंधों के चलते युवक की मारपीट कर हत्या के मामले में एडिशनल सेशन जज रमा पां

By Edited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 06:43 PM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 06:43 PM (IST)
गैरइरादतन हत्या में सात साल की कैद

संवाद सूत्र, लक्सर: अवैध संबंधों के चलते युवक की मारपीट कर हत्या के मामले में एडिशनल सेशन जज रमा पांडेय ने दो अभियुक्तों को गैरइरादतन हत्या का दोषी करार देते हुए सात -सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। दोषियों पर तीन-तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।

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शासकीय अधिवक्ता भूपेश्वर ठकराल ने बताया कि महिपाल पुत्र सुखपाल की शादी लक्सर कोतवाली के रणजीतपुर गांव में हुई थी। पत्नी की मौत होने के बाद वह अपने ससुर बलवीर के यहां ही रहने लगा। इस दौरान गांव की ही एक युवती के साथ उसके संबंध हो गए। 18 मार्च 2009 को महिपाल रात्रि के समय युवती के घर गया था। वहां उसने युवती के भाई नरेश पुत्र कबूल सिंह निवासी रणजीतपुर, ब्रजपाल पुत्र दयाचंद निवासी ग्राम गंगदासपुर तथा एक अन्य नाबालिग के साथ शराब पी। शराब पीने के बाद वह घर लौटने के बजाय नजर बचाकर युवती के कमरे में चला गया। इस बीच नरेश आदि को संदेह होने पर उन्होंने युवती से कमरा खुलवाया, जहां महिपाल को कमरे में पाकर वह अपना आपा खो बैठा। इसके बाद नरेश, बृजपाल व नाबालिग ने महिपाल को पकड़कर जमकर पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद अभियुक्तों ने उसकी लाश बाकरपुर तिराहे के समीप फेंक दी। मामले में महिपाल के ससुर बलवीर की ओर से तीनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। दो के खिलाफ कोर्ट में केस चला जबकि नाबालिग का मुकदमा जुविनाइल कोर्ट को स्थानांतरित कर दिया गया।

अभियोजन पक्ष की ओर से ग्यारह गवाहों के बयान कराए गए। अदालत ने नरेश और बृजपाल को हत्या के बजाय गैरइरादतन हत्या का दोषी पाया। न्यायालय ने माना कि मारपीट करते समय उनका इरादा हत्या का नहीं था। लिहाजा दोनों को गैर इरादतन हत्या का दोषी करार देते हुए सात-सात वर्ष के कारावास तथा तीन-तीन हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले में शनिवार को फैसला आया था।

तीसरे का केस एडीजे कोर्ट ट्रांसफर

शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र ठकराल ने बताया कि मामले में जुविनाइल कोर्ट ने तीसरे आरोपी शिवकुमार को नाबालिग मानने से मना कर दिया। इसके बाद उसका मुकदमा वापस एडीजे कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है। अब एडीजे कोर्ट में ही मामले की सुनवाई होगी।


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