अभियान भी नहीं बढ़वा पा रहे दो कदम
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: हरिद्वार में स्वच्छ भारत अभियान धर्मनगरीवासियों की लापरवाही के चलते डगमगा
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: हरिद्वार में स्वच्छ भारत अभियान धर्मनगरीवासियों की लापरवाही के चलते डगमगा रहा है। स्थिति यह है कि कई स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने के बाद भी लोगों के कदम दो आगे रखे कूड़ेदान तक नहीं पहुंच पा रहे। नतीजतन कूड़ेदान तो खाली रहते हैं और गंदगी सड़कों पर पसरी रहती है। ऐसे में आम नागरिक के सहयोग पर टिका यह अभियान खड़ा होने से पहले ही लडखड़ा रहा है।
अपने आसपास साफ-सफाई रखना सिर्फ सरकार का ही नहीं, हर व्यक्ति का नैतिक और मौलिक कर्तव्य है। हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और देश की छवि सुधारने में सहयोग करना चाहिए। कुछ इसी भाव को मध्य में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है। खुद प्रधानमंत्री ने सफाई कर यह संदेश दिया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर से सफाई की शुरुआत करनी होगी।
देश के अन्य भागों की तरह हरिद्वार में भी अभियान के बारे में आम आदमी को जागरूक करने के लिए अभियानों का सिलसिला तभी से जारी है। पर इस सब में दुखद यह है कि, इतना सब कुछ होने के बावजूद अब भी समाज का बहुत बड़ा तबका ऐसा है जो कूड़ेदान होने के बावजूद कचरा सड़कों पर ही फेंकते हैं। इसके प्रमाण शहर में कई स्थानों पर मिल जाएंगे। इसे न तो लोगों की नासमझी कहा जा सकता है और न ही इसके लिए नगर निगम के कर्मचारियों को दोषी ठहराया जा सकता। खुले शब्दों में कहा जाए तो यह देश के सम्माननीय नागरिकों की घोर लापरवाही ही है, जो कूड़ेदान सामने होने के बावजूद उसका उपयोग करने की जहमत नहीं उठाते।
अभियान के पहले दिन ही प्रधानमंत्री ने साफ साफ कहा था कि अपने आसपास साफ सुधरा रखने के लिए हमें खुद ही सफाई के लिए आगे आना होगा। स्वच्छ भारत अभियान तभी सफल हो पाएगा जब देश का एक एक जागरूक नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और इस अभियान का हिस्सा बने। धर्मनगरी के साथ ही यही शर्त लागू होती है। बेशक शहर को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, पर हमें भी इस देश के सम्माननीय नागरिक होने का कर्तव्य निभाना होगा। जनता के सहयोग के कोई भी इस दुष्कर कार्य को पूरा नहीं कर सकता है।