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नसीमुद्दीन के सामने नाराज बसपाइयों ने काटा हंगामा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: बसपा में चल रही अंदरूनी खींचतान शनिवार को खुलकर सामने आ गई। तानाशाही तरीक

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 07:08 PM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 07:08 PM (IST)
नसीमुद्दीन के सामने नाराज बसपाइयों ने काटा हंगामा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: बसपा में चल रही अंदरूनी खींचतान शनिवार को खुलकर सामने आ गई। तानाशाही तरीके से पार्टी चलाने का आरोप लगाते हुए नाराज कार्यकर्ताओं ने राज्य समन्वयक नसीमुद्दीन सिद्दीकी के सामने ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नत्थू सिंह और रामअचल राजभर के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर हंगामा किया। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि प्रदेश नेतृत्व की तानाशाही नीतियों से पार्टी रसातल में पहुंच गई। एक वक्त में आठ विधायक वाली पार्टी के राज्य में अब मात्र तीन विधायक ही रह गए हैं। राज्य में पार्टी के लगातार गिरते जनाधार और बेतुके आरोप लगा कुछ पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित करने के बाद से ही बसपा में घमासान मचा है। शनिवार को बसपा के उत्तराखंड राज्य समन्वयक और यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नसीमुद्दीन सिदद्ीकी बसपा के प्रदेश कार्यालय हरिद्वार पहुंचे। सिदद्ीकी के सामने ही कार्यकर्ताओं ने प्रदेश प्रभारी रामअचल राजभर और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग को लेकर जबरदस्त नारेबाजी की। पार्टी कार्यालय के गेट पर नारेबाजी करने वाले नाराज कार्यकर्ता जब शांत नहीं हुए तो बैठक से नसीमुद्दीन सिदद्ीकी को बाहर आना पड़ा। उन्होंने नाराज कार्यकर्ताओं को समझाया-बुझाया और उनकी बातों को सुना। साथ ही नाराज कार्यकर्ताओं को 11 सदस्य नामित कर वार्ता के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद कार्यकर्ता शांत हुए। कार्यकर्ताओं ने बसपा के उत्तराखंड राज्य समन्वयक नसीमुद्दीन सिदद्ीकी को शिकायती पत्र दिए।

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नसीमुद्दीन सिदद्ीकी से कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने वाले कार्यकर्ताओं को बेतुके आरोप लगा पार्टी से बाहर किया जा रहा है तथा उनकी उपेक्षा की जा रही है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में बसपा को दो लोगों ने बंधक बना रखा है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पूर्व प्रदेश प्रभारी सूरजमल, शहजाद, नाथी राम, अनूप सिंह, आजादवीर, जगदीश और मदनलाल को झूठे आरोपों में पार्टी से बाहर किया है, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है।

बसपा के उत्तराखंड राज्य समन्वयक नसीमुद्दीन सिदद्ीकी ने नाराज कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि वह उनकी पूरी बात बसपा प्रमुख मायावती को बताएंगे। इसके लिए 30 अक्टूबर की तिथि नियत की गई है। अंतिम फैसला पार्टी प्रमुख को ही करना है। साथ ही आश्वासन दिया कि कार्यकर्ताओं की संतुष्टि के लिए उनकी मुलाकात बसपा प्रमुख मायावती से भी कराई जाएगी। बसपा के उत्तराखंड राज्य समन्वयक नसीमुद्दीन सिदद्की के आश्वासन के बाद कार्यकर्ता कुछ संतुष्ट दिखे।


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