मेला प्लेटफार्म को सफाई का इंतजार
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: ए-वन श्रेणी के हरिद्वार रेलवे स्टेशन का मेला प्लेटफार्म साफ-सफाई के लिए त
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: ए-वन श्रेणी के हरिद्वार रेलवे स्टेशन का मेला प्लेटफार्म साफ-सफाई के लिए तरस रहा है। जनसुविधाओं की कमी तो यहां लंबे समय से है, पर साफ-सफाई में बरती जा रही ढिलाई के कारण यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन को ए-वन श्रेणी का दर्जा दिया गया है। यह अलग बात है कि स्टेशन पर सुविधाओं का हमेशा टोटा रहता है। बीते दिनों चले सफाई अभियान के बाद सफाई के मामले में यहां काफी फर्क आया है, पर यह कसरत सिर्फ मुख्य प्लेटफॉर्म पर ही हो रही है। मेला प्लेटफॉर्म के नाम से बुलाए जाने वाले प्लेटफॉर्म नंबर छह और सात के अलावा प्रतीक्षालय विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण गंदगी से बेहाल है। यह हाल तब है जब रोजाना यहां चार से छह गाड़ियां आती और जाती हैं।
कुंभ मेले के दौरान मुख्य प्लेटफॉर्म से थोड़ी दूर बने मेला प्लेटफॉर्म सफाई अभियान के बाद भी सफाई के लिए तरस रहा है। गंदगी की शुरुआत रेलवे परिसर में चल रहे ऑटो स्टैंड से ही हो जाती है। प्रतीक्षालय तक पहुंचते-पहुंचते यहां की तस्वीर और भी बदरंग हो जाती है। सीढि़यों पर बिखरा कचरा और जगह-जगह पान की पीक पहली नजर में ही श्रद्धालुओं के मन में घृणा का भाव भर देती हैं।
इसके बाद नंबर आता है प्रतीक्षालय का। यहां की तस्वीर भी मुख्य प्लेटफार्म की तरह उजली नहीं है। कोनों में भरी गंदगी, फर्श पर बिखरी धूल और इस पर असहनीय बदबू। इस सबके बीच हर स्नान और पर्वो पर आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को रेल की प्रतीक्षा में यहीं समय गुजारना पड़ता है। इतना ही नहीं, इसी प्लेटफार्म पर एक हिस्से में रेलवे की सीमा में हताहत हुए लोगों का लावारिस सामान भी पड़ा रहता है।
बताते हैं कि यहां तीसरे-चौथे दिन सफाई कर्मचारी सिर्फ झाड़ू मारकर चले जाते हैं। पानी तो फर्श पर सिर्फ बरसात के दिनों में ही पड़ता है। ऐसे में फर्श पर कितनी सफाई होती होगी, खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
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सफाई तो की जाती है पर यहां यात्रियों से ज्यादा भिखारी और आवारा प्रवृत्ति के लोग ज्यादा रहते हैं, जो गंदगी फैलाते रहते हैं। इन्हें भगाया भी जाता है, पर ये फिर से आ जाते हैं। सफाई व्यवस्था और बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी।
एमके सिंह, स्टेशन अधीक्षक, हरिद्वार