किसानों को नहीं आएगी रबी की बुआई में दिक्कत
संवाद सहयोगी, रुड़की: जिला सहकारी बैंक ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को नया ऋण देने का रास्ता निकाल लिया है। इसके लिए अल्पकालीन ऋण को मध्य कालीन ऋण में परिवर्तित कर उन्हें ऋण दिया जाएगा।
हरिद्वार जिले में करीब सवा लाख किसान सहकारी समितियों से खेतीबाड़ी के लिए ऋण लेते हैं। गन्ने का भुगतान न होने व सूखा लंबा खींचने के कारण जिले का किसान इस बार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। इस कारण जिला सहकारी बैंक ने किसानों की बकाया ऋण वसूली स्थगित कर रखी है। शासन ने भी किसानों से किसी भी तरह का ऋण न वसूले जाने की हिदायत जारी कर रखी है। इसमें किसानों फिलहाल बकाया ऋण जमा कराने की टेंशन नहीं है। पर, ऋण वसूली स्थगित होने से किसान को नया ऋण मिलने में बाधा उत्पन्न हो रही थी।
किसानों की इस चिंता को देखते हुए ही डीसीबी अध्यक्ष सुशील चौधरी, जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक एलडी भगत, जिला सहायक निबंधक मान सिंह सैनी व बैंक के अन्य अधिकारियों ने विचार विमर्श कर समस्या का हल निकाल लिया। अब बकाया ऋण जो कि अल्पकालीन ऋण के रूप में लिया गया था उसे मध्य कालीन ऋण में परिवर्तित कर दिया गया है। जिला सहायक निबंधक ने बताया है कि किसानों को रबी की बुआई शुरू होने से पहले ही ऋण मुहैया करा दिया जाएगा।
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एक बार ही वसूला जाएगा ऋण
डीसीबी अध्यक्ष सहकारी समितियों का ऋण साल में एक बार जमा कराने की व्यवस्था कराने के प्रयास में लगे हैं। अब तक जिले में मात्र पनियाला सहकारी समिति ही ऐसी हैं जो कि अपने सदस्य किसान से साल में एक बार ही ऋण वसूलती है। जबकि अन्य 43 समितियों साल में दो बार ऋण वसूलती है। डीसीबी अध्यक्ष सुशील चौधरी ने बताया है कि जल्द ही व्यवस्था बदल जाएगी।