मिस ब्रांडिंग व सबस्टेंडर्ड उत्पाद पर दस लाख का जुर्माना
जागरण संवाददाता, रुड़की: दो अलग-अलग मामलों में मिस ब्रांडिंग व सबस्टेंडर्ड उत्पाद पाए जाने पर एडीएम कोर्ट ने निर्माता कंपनी, लाइसेंस धारी व टीम लीडर पर दस लाख का जुर्माना ठोका है। एक महीने में जुर्माने की रकम जमा करानी होगी।
वर्ष 2012 में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मालवीय चौक के समीप स्थित ईजी-डे पर खाद्य पदार्थो की चेकिंग की थी। टीम ने बच्चों को दिए जाने वाले पीडिया श्योर उत्पाद का सैंपल भरा था। सैंपल की जांच रुद्रपुर स्थित लैब में हुई थी। इसमें उत्पाद मिस ब्रांडिंग, सब स्टेंडर्ड की श्रेणी में आया था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने 16 मई 2012 को एडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। सुनवाई के दौरान एडीएम कोर्ट ने निर्माता कंपनी की ओर से उत्पाद पर किए दावे पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने टीम लीडर देवाशीष मोहंती, लाइसेंसधारी मुकेश रावल, सप्लायर भारतीय वैलमार्ट प्राइवेट लिमिटेड पटियाला पंजाब पर 25-25 हजार जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने निर्माता कंपनी एबबोट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड पर 5 लाख 25 हजार का जुर्माना ठोका है। टीम ने इसी दौरान काम्पलेन मेमोरी चार्जर का सैंपल भी लेकर जांच के लिए रुद्रपुर भेजा था। उत्पादन को 23 न्यूट्रीटेंट से युक्त बताया था, जिसकी सत्यता जांचने पर मिस ब्रांडिंग की श्रेणी में रिपोर्ट आई थी। कोर्ट ने विपक्षी को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया था, लेकिन विपक्षी की ओर से पक्ष नहीं रखा। इस पर एडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट ने निर्माता कंपनी हेंज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड वर्ली मुंबई पर तीन लाख 25 हजार जुर्माना लगाया है। इसके अलावा टीम लीडर देवाशीष मोहंती, लाइसेंस धारी मुकेश रावल व सप्लायर भारतीय वैलमार्ट प्राइवेट लिमिटेड पर 25-25 हजार जुर्माना लगाया गया है।
'कांप्लेन मेमोरी चार्जर पर चिकित्सकों का रिसर्च लिखा है, जो नियमविरुद्ध है। कोर्ट ने विपक्षी से लाभान्वित होने वाले बच्चों के नाम व माता-पिता के नाम मांगे थे, लेकिन उपलब्ध नहीं कराए गए। कोर्ट ने मिस ब्रांडिंग व सबस्टर्ेंडर्ड पर चार लाख का जुर्माना लगाया है, जबकि पीडिया श्योर उत्पाद में मिस ब्रांडिंग करने पर छह लाख जुर्माना ठोका है। एक महीने में उत्पाद से लेबल हटाकर कोर्ट को रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।'
एमएन जोशी, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी