ग्रामीण रास्तों से ठिकाने लगा रहे उपखनिज
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: गंगा का पानी कम होने के साथ ही पानी के साथ बहकर आए बेशकीमती पत्थरों पर खनन माफिया ने फिर नजरें गढ़ा दी हैं। बांण गंगा में खनन कर उपखनिजों को ठिकाने लगाया जा रहा है। पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई से बचने के लिए माफिया गांव के रास्ते से लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉली निकाल रहे हैं।
जून के मध्य में बरसात के चलते खनन बंद होने के बाद सिल्ट हटाने की आड़ में जमकर खनन हुआ था। गंगा व उसकी सहायक नदियों को खनन माफिया ने खोद दिया। अवैध खनन को लेकर उठे विवाद व नदियों में मानसून अवधि में पानी आने के बाद खनन थमा था। अब नदियों का जलस्तर कम हो गया है। नदियां अपने साथ बेशकीमती पत्थर बहाकर लाई है। जलस्तर कम होने व नदियों के किनारे बेशकीमती पत्थर पड़े होने के चलते माफिया के लिए खनन का यह समय मुफीद बना है। खनन को लेकर कुख्यात रहे बांण गंगा क्षेत्र में फिर से खनन करने वाले सक्रिय हो गए हैं। गंगा के किनारों से पत्थर उठाकर उसे सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया जा रहा है। हालांकि, इस बार उपखनिज के क्रशरों तक पहुंचाने की सूचना अब तक नहीं मिली है। बांण गंगा से उपखनिज निकालकर इसे रानीमाजरा, धनपुरा, घिस्सुपुरा, जमालपुर के रास्ते सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है। मुख्य मार्ग के बजाय ग्रामीण रास्तों का प्रयोग इसलिए किया जा रहा है, जिससे कि पुलिस व प्रशासन की नजर से बचा जा सके। दिन व रात के समय ग्रामीण क्षेत्रों से उपखनिज ले जाया जा रहा है। एसडीएम सदर बीर सिंह बुदियाल का कहना है कि अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासनिक मशीनरी अलर्ट है। मुख्य मार्ग के बजाय अगर दूसरे रास्तों का प्रयोग हो रहा है तब भी कार्रवाई की जाएगी।