अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की दरकार
संवाद सहयोगी, रुड़की: विनियमित क्षेत्र में आरबीओ के तहत सख्ती से कार्रवाई नहीं हो रही है। इस कारण विनियमित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कॉलोनियों में धड़ल्ले से नियम विरुद्ध निर्माण हो रहे हैं।
विनियमित क्षेत्र रुड़की में रुड़की शहर व मंगलौर कस्बे के अलावा 37 गांव भी हैं, जहां पर किसी भी निर्माण का नक्शा पास कराना जरूरी है। शहर व हाईवे से सटी कॉलोनियों में तो बिल्डर नक्शा तक पास नहीं करा रहे हैं। मात्र वहीं लोग नक्शा पास करा रहे जिनको बैंक से ऋण लेना है। ऋण के लिए आवेदन करने पर निर्माण का नक्शा संलग्न करना जरूरी है। अन्यथा लोग मनमाने ढंग से निर्माण करा रहे हैं। लेखपालों को इन निर्माणों पर नियमित रूप से रिपोर्ट देने के आदेश है। पर कभी कभार आधे अधूरे निर्माणों की रिपोर्ट जेएम व नियत प्राधिकारी कार्यालय पहुंच पा रही है। इसी कारण पाडली, शफीपुर, सलेमपुर, सुनहरा, रामपुर, शेरपुर, बेलड़ा, बेलड़ी, शंकरपुरी, ढंडेरा, मोहनपुरा, मोहम्मदपुर, बिझौली, इब्राहिमपुर देह, मंगलौर, हाईवे से सटे आसफनगर क्षेत्र में अंधाधुंध निर्माण हो रहे हैं। बिना नक्शा पास निर्माण होने से विनियमित क्षेत्र में विकास शुल्क भी कम जमा हो रहा है। पिछले सालों में जहां प्रति माह पंद्रह से बीस लाख रुपये तक विकास शुल्क जमा हो जाता था अब छह सात लाख रुपये ही प्रति माह आ रहा है। बिना नक्शा पास कराए निर्माणों से ड्रेनेज सिस्टम पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इसी कारण शहर के आधा दर्जन व सटे क्षेत्र की दो दर्जन कालोनियों में जलभराव की गंभीर समस्या बनी है। अलबत्ता विनियमित क्षेत्र कार्यालय के जेई नंदन सिंह रावत का कहना है कि अब उन्होंने निर्माणों की जांच करना शुरू कर दी है। सिविल लाइंस व बीटी गंज क्षेत्र के कुछ निर्माणों पर जेएम एवं नियत प्राधिकारी को रिपोर्ट दी जा चुकी है। जल्द ही और निर्माणों के संबंध में रिपोर्ट दी जाएगी बिना नक्शा पास हुए कोई निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। आरओबी (रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग आपरेशन एक्ट) को प्रभावी ढंग से लागू कराया जाएगा।