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छानबीन हुई तो नपेंगे कई अधिकारी

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 01:23 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 01:23 AM (IST)
छानबीन हुई तो नपेंगे कई अधिकारी

संवाद सहयोगी, रुड़की: विनियमित क्षेत्र में हुए निर्माणों के संबंध में कायदे से छानबीन हुई तो कई अधिकारी व कर्मचारी नपेंगे। दरअसल संबंधित विभागों से एनओसी लिए बिना ही सैकड़ों नक्शे पास हो रखे हैं।

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विनियमित क्षेत्र में बिना नक्शा पास कराए निर्माणों का सिलसिला डेढ़ दशक से चल रहा है, पर नक्शे पास करने में जो खेल शुरू हुआ है वह वर्ष 2010 से ही तेज हुआ है। इससे पहले या तो नक्शा पास नहीं होता था, यदि नियत प्राधिकारी किसी भी निर्माण का नक्शा पास करता था तो जरूरी कागजात पत्रावली पर होने के बाद ही साइन होते थे। अब तो कई साल से सिंचाई विभाग, नगर निगम, लोक निर्माण, नेशनल हाईवे ऑथरिटी आफ इंडिया, जलसंस्थान, उत्तरी खंड गंगनहर व तहसील प्रशासन से एनओसी लिए बिना ही नक्शे पास हो रहे हैं। जैसा कि सोलानी नदी किनारे कॉम्पलेक्स बन गया, जिसका नक्शा भी पास करा लिया गया।

उत्तरी खंड गंगनहर रुड़की के ईई से एनओसी ही नहीं ली गई। अब ईई सीबी यादव ने नदी के बांध पर कॉम्पलेक्स बनने के संबंध में डीएम को पत्र लिखा तो विनियमित क्षेत्र कार्यालय में नक्शा पास करने में हो रहे खेल का खुलासा हुआ। ऐसे ही बीटी गंज में अवैध रूप से नक्शे पास करा लिए। उत्तरी खंड गंगनहर रुड़की से एनओसी नहीं ली गई। जब निर्माण हो गए तो उत्तरी खंड गंगनहर रुड़की ने उत्तरी खंड ने जांच कराई तो सिंचाई विभाग की जमीन पर ही कॉम्पलेक्स बना हुआ पाया गया। विनियमित क्षेत्र कार्यालय नक्शा पास कराते हुए उत्तरी खंड गंगनहर रुड़की से एनओसी लेता तो अवैध निर्माण ही न हो पाता। अब उत्तरी खंड गंगनहर रुड़की के अधिकारियों को अवैध निर्माण तुड़वाने में मशक्कत करनी पड़ रही है। हाईवे पर हुए निर्माणों में नेशनल हाईवे आथरिटी ऑफ इंडिया से एनओसी नहीं ली गई है, जिस कारण अधिकतर निर्माणों में रोड साइड लैंड एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। इतना ही नहीं तहसील प्रशासन की भी अधिकतर मामलों में एनओसी नहीं ली गई है। एक गंभीर अनियमितता यह भी है कि अधिक निर्माण स्वीकृत नक्शों से भिन्न हुए हैं। इसमें पास नक्शे से दो-दो गुणा कवर्ड एरिया है। निर्माणों की मौके पर जांच हो जाए तो फाइल पर पास कराये नक्शे के अनुरूप कोई भी निर्माण नहीं है। इसीलिए ढाई साल से जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है।

वहीं जिलाधिकारी हरिद्वार डी सेंथिल पांडियन का कहना है कि जेएम रुड़की से निर्माणों के संबंध में स्पष्ट रिपोर्ट मांगी है। गड़बड़ियां मिली तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।


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