अब मलेरिया ने उड़ाई प्रशासन की नींद
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: मानसून शुरू होते ही मलेरिया के मामले फिर प्रकाश में आने लगे है। सर्वाधिक मामले लक्सर और खानपुर क्षेत्र के हैं। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित करते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। कीटनाशक का छिड़काव भी शुरू करा दिया गया है।
पहाड़ और मैदान में हो रही बारिश के चलते खादर क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी है। लिहाजा इन क्षेत्रों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। मलेरिया के मामले भी आने लगे हैं। आंकड़ों में जाएं तो जिले में अब तक मलेरिया के 53 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें सर्वाधिक मामले लक्सर और खानपुर क्षेत्र के हैं। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित करते हुए यहां निगरानी बढ़ा दी है। मच्छरों को नष्ट करने के लिए गत 17 जुलाई से इन क्षेत्रों में डीडीटी कीटनाशक का छिड़काव शुरू करा दिया गया है।
आंगनबाड़ी और आशा की मदद से बुखार पीड़ितों के स्लाइड भी तैयार कराए जा रहे हैं। जरूरी दवाइयां भी मुहैया कराई जा रही है। पीएचसी-सीएचसी के डाक्टरों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है। मलेरिया विभाग ने सचल दस्ते का भी गठन किया है जो खादर क्षेत्रों के गांवों का दौरा कर स्थिति पर नजर रखे हैं।
जानलेवा पीएफ मलेरिया के पांच मामले, सभी लक्सर के
हरिद्वार जिले में अब तक सामने आए मलेरिया के 53 मामलों में से पांच मामले खतरनाक प्लाजमोडियम फेलसिपेरम (पीएफ) के हैं जबकि शेष प्लाजमोडियम वाइवैक्स (पीवी) हैं। पीएफ मलेरिया के सभी मामले लकसर क्षेत्र के होने के चलते ही इसे संवेदशनील घोषित किया गया है।
मलेरिया के अब तक 53 मामले सामने आए हैं। ज्यादातर मामले लक्सर और खानपुर क्षेत्र के हैं लिहाजा इन क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित कर यहां विशेष सतर्कता बरती जाती है। 17 जुलाई से डीडीटी कीटनाशक का छिड़काव भी शुरू कर दिया गया है। पीएफ मलेरिया के आउटब्रेक की स्थिति में लार्वासाइड स्प्रे भी कराया जाएगा। स्वास्थ्यकर्मियों को अलर्ट करने को कहा गया है।
गुरनाम सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी, हरिद्वार