Move to Jagran APP

नौनिहालों के लिए यमुना के तट पर बहा रहे ज्ञान की गंगा

हरबर्टपुर की संस्था वॉरियर्स गल्र्स यमुना नदी के किनारे मजदूरों के बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही है। संस्था में शामिल युवतियां हर दिन तीन घंटे तक बच्चों का स्कूल चलाती हैं।

By BhanuEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 11:36 AM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2016 03:00 AM (IST)
नौनिहालों के लिए यमुना के तट पर बहा रहे ज्ञान की गंगा

विकासनगर, [राकेश खत्री]: पुण्य सलिला यमुना किनारे इन दिनों ज्ञान की गंगा बह रही है। यहां खनन कार्य में लगे मजदूरों के नौनिहालों को आखर ज्ञान देने के लिए हरबर्टपुर का वॉरियर्स गल्र्स रोजाना तीन घंटे का स्कूल चला रहा है। ग्रुप के सदस्यों ने खुद के संसाधनों से 40 नौनिहालों के लिए स्लेट व पाठ्य सामग्री की व्यवस्था भी की है। साथ ही मजदूरों को जागरूक कर उन्हें शिक्षा के महत्व से भी परिचित कराया जा रहा है।
गंगा, यमुना व सरस्वती का संगम भले ही प्रयाग होता है, मगर इन दिनों हरिपुर कालसी में यमुना पुल पर भी कुछ ऐसा ही संजोग देखने को मिल रहा है। यहां यमुना के कलरव के साथ ज्ञान की गंगा बहाने के लिए वॉरियर्स गल्र्स ग्रुप से जुड़ी युवतियां वाग्देवी सरस्वती बनकर सामने आई हैं।

loksabha election banner

पढ़ें- मोदी को लिखे पत्र का कमाल, डिजीटल बनेगा अजय का गांव
दरअसल, यमुना नदी में खनन कार्य शुरू होने के साथ ही यहां दर्जनों मजदूर परिवार समेत नदी के किनारे डेरा डाल देते हैं। अस्थायी ठौर के चलते इन मजदूरों के नौनिहाल आसपास के किसी भी विद्यालय में प्रवेश नहीं ले पाते। इससे उन्हें आखर ज्ञान से भी वंचित रहना पड़ता है।

पढ़ें- उत्तराखंड के इस लाल ने अमेरिका में जीता 3.4 करोड़ का अवार्ड
इन दिनों भी यमुना के किनारे मजदूरों की अस्थायी बस्ती में 40 नौनिहाल हैं, जिन्हें आखर ज्ञान देने का बीड़ा वॉरियर्स गल्र्स ग्रुप ने उठाया है।

पढ़ें:-समंदर पार गूंजेगी उत्तराखंड के करन की आवाज
ग्रुप की अध्यक्ष रिहाना सिद्दीकी, उपाध्यक्ष प्रीति सैनी, रितु सैनी व अनीता सैनी ने बताया कि बाल दिवस पर इन नौनिहालों को उपहार देने गए तो पता चला कि सभी शिक्षा से वंचित हैं। इसलिए नौनिहालों को शिक्षित करने के साथ ही अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए ग्रुप के सदस्य हर रोज तीन घंटे यमुना किनारे स्कूल चला रहे हैं।

पढ़ें-महिलाओं के जीवन को 'अर्थ' दे रही उत्तराखंड की पुष्पा
उन्होंने बताया कि नौनिहालों को नजदीकी विद्यालय में प्रवेश दिलाने के लिए कालसी ब्लॉक के शिक्षाधिकारियों से भी गुजारिश की जाएगी। बहरहाल, यमुना की कल-कल ध्वनि के साथ नौनिहालों के गिनती, पहाड़ा व किताबों में लिखी कविताओं के सस्वर वाचन की ध्वनि का मिश्रण हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है।
पढ़ें-नशे के खिलाफ आवाज उठाकर महिलाओं के लिए 'परमेश्वर' बनी परमेश्वरी

पढ़ें-लाचारी छोड़कर हौसले ने जगाया विश्वास, हारे मुश्किल भरे हालात


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.