यूपी के घमासान से उत्तराखंड में सपा की उम्मीदों को झटका
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पर मंडरा रहे संकट से उत्तराखंड में भी पार्टी की उम्मीदों को बड़ा झटका लगता दिख रहा है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पर मंडरा रहे संकट से उत्तराखंड में भी पार्टी की उम्मीदों को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। खास तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सपा की रणनीति व तैयारियों पर पानी फिरने के आसार हैं। माना जा रहा है कि यदि उत्तर प्रदेश में सपा अपने इस मौजूदा संकट से उबरने में नाकाम हुई, तो उत्तराखंड में इस चुनाव में भी सपा के लिए खाता खोलना आसान नहीं होगा।
उत्तराखंड गठन के 15 वर्ष बाद भी सूबे की सियासत में समाजवादी पार्टी अपनी जमीन नहीं तलाश पाई है। प्रदेश में अब तक हुए तीन विधानसभा चुनाव में सपा एक सीट पर भी जीत दर्ज नहीं कर पाई। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव को सपा का प्रदेश संगठन बेहद उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है।
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यही वजह है कि प्रदेश संगठन पिछले चार-पांच महीने से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा है। इस कड़ी में प्रदेश के दो मैदानी जिलों हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में समाजवादी पार्टी मुलायम संदेश यात्रा निकाल चुकी है।
साथ ही, गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जिलों में भी जल्द मुलायम संदेश यात्रा निकालने की तैयारियों में जुटी है। यह दीगर बात है कि ऐन वक्त पर उत्तर प्रदेश में पार्टी के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट ने उत्तराखंड में भी सपा की उम्मीदों को बड़ा झटका लग रहा है।
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दरअसल, उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी सांगठनिक तौर पर कमजोर है, तो आर्थिक संसाधनों की कमी से भी जूझ रही है। ऐसे में प्रदेश संगठन चुनावी फंड से लेकर चुनाव प्रचार के लिए पूरी तरह अपने राष्ट्रीय नेताओं पर ही उम्मीद लगाए हुए है।
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ऐसे में यदि सपा का सियासी संकट पार्टी में बिखराव की वजह बना, तो उत्तराखंड में भी पार्टी की चुनावी रणनीति पर पानी फिरना तय है। हालांकि, प्रदेश संगठन को उम्मीद है कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह जल्द ही इस संकट का कोई न कोई हल निकाल ही लेंगे।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. सत्यनारायण सचान का कहना है कि प्रदेश संगठन पूरी तरह सपा सुप्रीमो के साथ खड़ा है। वह जल्द ही इसका कोई सर्वमान्य हल निकाल लेंगे।
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