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प्रदेश में एमएसबीवाई के तीन लाख कार्ड हो गए हैं निष्क्रिय

प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) के करीब तीन लाख कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं। विभाग का कहना है कि केवल अपात्र लोगों के ही कार्ड बंद किए गए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 02:46 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 06:00 AM (IST)
प्रदेश में एमएसबीवाई के तीन लाख कार्ड हो गए हैं निष्क्रिय
प्रदेश में एमएसबीवाई के तीन लाख कार्ड हो गए हैं निष्क्रिय

देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) के करीब तीन लाख कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं। विभाग का कहना है कि केवल अपात्र लोगों के ही कार्ड बंद किए गए हैं। जबकि सच्चाई यह है कि इनमें कई बीपीएल व अन्य लाभार्थी भी हैं। जिन्हें अस्पताल पहुंचने पर पता चल रहा है कि उनका कार्ड मान्य नहीं है। 

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अप्रैल 2015 में शुरू हुई मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभार्थियों को बायोमेट्रिक स्मार्ट कार्ड जारी किए गए थे। जिसके तहत कार्डधारक के परिवार को 50 हजार रुपये का हेल्थ कवर और सवा लाख रुपये गंभीर बीमारियों का बीमा कवर मिलता है। इस कार्ड का इस्तेमाल एमएसबीवाई के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए किया जा सकता है। योजना में सरकारी कर्मचारी, पेंशनर और आयकर दाता शामिल नहीं हैं। 

विभिन्न कारणों से अब करीब तीन लाख परिवार एमएसबीवाई से बाहर कर दिए गए हैं। दरअसल राज्य सरकार ने डाटा इकट्ठा करने और कार्ड बनाने का काम एक निजी कंपनी को सौंपा था। लाभार्थियों को वितरण के लिए कार्ड स्वास्थ्य विभाग को भेजे गए थे, जबकि कुछ मामलों में कार्ड यूं ही जारी कर दिए गए। स्वास्थ्य विभाग में इन लाभार्थियों का कोई रिकॉर्ड तक नहीं था। गत वर्ष अक्टूबर में नई बीमा कंपनी ने काम संभाला तो यह कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए। कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिनमें एक ही पंजीकरण संख्या पर एक से अधिक कार्ड जारी कर दिए गए या एक ही परिवार के सदस्यों को एक से अधिक कार्ड जारी किए गए। 

बहरहाल अपात्र के साथ ही कई पात्र लोगों के भी कार्ड बंद कर दिए गए हैं। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज को पहुंचे कुछ एमएसबीवाई कार्डधारकों ने बताया कि उन्हें कहा जा रहा है कि वह इस योजना में शामिल नहीं हैं। बौराड़ी, टिहरी के नारायण नौटियाल दुर्घटना में घायल बेटे को अस्पताल इलाज के लिए लाए थे। उनसे पास एमएसबीवाई कार्ड भी था। यह सोचकर आए थे कि मुफ्त इलाज मिलेगा, लेकिन एमएसबीवाई काउंटर पर बताया गया कि उनका कार्ड मान्य नहीं है। अब उन्हें सर्जरी और उपचार का खर्च वहन करना पड़ रहा है। 

वहीं, एमएसबीवाई के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एचसीएस मार्तोलिया का कहना है कि केवल अपात्र लोगों के कार्ड निष्क्रिय किए गए हैं। इससे इतर कोई व्यक्ति योजना से बाहर हुआ है तो एक अगस्त से शुरू होने वाले विशेष अभियान के तहत उसे पुन: शामिल कर लिया जाएगा। 

पिछली सरकार की जल्दबाजी का भुगत रहे खामियाजा

पिछली सरकार ने चुनाव से ठीक पहले एमएसबीवाई का दायरा बढ़ाने में जल्दबाजी दिखाई। प्रशिक्षित व पेशेवरों के बजाय आशाओं और एएनएम को लाभार्थियों के सत्यापन का काम दिया। जिसका खामियाजा अब सैकड़ों परिवार भुगत रहे हैं।

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