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पापा कमिश्नर, मम्मी डॉक्टर और बेटा चोर

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 01:04 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 01:04 AM (IST)
पापा कमिश्नर, मम्मी डॉक्टर और बेटा चोर

जागरण संवाददाता, देहरादून: अच्छा परिवेश, उच्च शिक्षा, लेकिन काम तब भी चोरी। पिता राजस्थान में कोटा नगर निगम के आयुक्त रहे और मां डॉक्टर। जयपुर के एक कॉलेज से बीबीए के बाद पुणे स्थित प्रतिष्ठित संस्थान में एमबीए में दाखिला। प्रथम वर्ष कर अपना लिया चोरी का धंधा। चोरी भी एक-दो नहीं बल्कि तीन दर्जन से ज्यादा। साथ में ठगी भी। अकेले राजस्थान में 30 मुकदमे दर्ज। राजस्थान और गुड़गांव समेत देहरादून पुलिस जिसे तलाश कर रही थी, वह शातिर आरोपी आखिर दून पुलिस के हाथ लग ही गया। शहर में हुई लगातार चोरी की सात वारदातों को आरोपी ने अकेले ही अंजाम दिया। पुलिस ने उससे करीब छह लाख का माल बरामद किया। आरोपी को रिमांड पर लेने गुड़गांव पुलिस भी दून आ रही है।

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मंगलवार को एसएसपी अजय रौतेला ने बताया कि शहर में ताला तोड़कर पिछले दिनों हुई चोरियों के मामले में पुलिस व स्पेशल आपरेशन गु्रप को जांच सौंपी गई थी। इस दौरान पता लगा कि एक आरोपी राजस्थान से सुबह यहां आता है और दोपहर में घटना कर फरार हो जाता है। मंगलवार को वह हत्थे चढ़ ही गया। एसएसपी ने आरोपी का नाम ललित बैरवा उर्फ अमित गुप्ता पुत्र लक्ष्मी नारायण निवासी रेलवे स्टेशन एवं लाखेरी पंचायती कुएं के समीप, थाना लाखेरी, जिला-बूंदी (राजस्थान) बताया। एसएसपी ने बताया कि ललित के पिता राजस्थान के कोटा में नगर निगम के आयुक्त थे और मां डॉक्टर। ललित ने जयपुर के कॉलेज से पहले बीकॉम और कोटा के कालेज से बीबीए किया। फिर पुणे स्थित प्रतिष्ठित संस्थान में वर्ष 2000 में एमबीए में प्रवेश लिया, लेकिन प्रथम वर्ष के बाद ही वह गलत संगत के चलते चोरी करने लगा। इसी बीच माता-पिता की भी मौत हो गई। जयपुर में कई चोरी की। इसमें वह दो साल जेल में रहा। वर्ष 2005 और 2008 में जयपुर पुलिस ने उसे फिर गिरफ्तार किया। घरों में चोरी व वाहन चोरी की दर्जनों घटनाओं को उसने अंजाम दिया। वह अकेले ही घटना करता था। बस या ट्रेन से सुबह आता था और फिर रेकी कर दोपहर-शाम को चोरी कर फरार हो जाता। उससे सोने के जेवर, 63 अमेरिकन डॉलर (दून में नर्स के घर से चोरी), आइपैड और कुछ कैश बरामद हुआ। बरामद माल की कीमत करीब छह लाख बताई गई। मामले में डीआइजी अमित सिन्हा ने पुलिस टीम को पांच हजार व एसएसपी ने ढाई हजार रुपये ईनाम देने की घोषणा की।

दून में इन घरों में की चोरी

10 जुलाई: नेहरू कॉलोनी में आफिसर्स कॉलोनी रेसकोर्स में नर्स पूर्णिमा लांबा के बंद घर में लाखों की चोरी

3 जुलाई: सरस्वती विहार में फोटोग्राफर नितेश अग्रवाल के घर लाखों की चोरी

दो जुलाई: पटेलनगर में रक्षा संस्थान के अफसर के घर लाखों की चोरी

28 जून: राजपुर के बॉडीगार्ड कालोनी में बंद घर में चोरी

22 जून: कोतवाली के रीठामंडी में सतेंद्र सिंह के घर लाखों की चोरी

29 जून: रायपुर के किद्दूवाला में घर में लाखों की चोरी

25 मई: राजपुर के किशनपुर में बंद घर में लाखों की चोरी

गुड़गांव में भी किया फर्जीवाड़ा

ललित ने पिछले साल गुड़गांव में वैष्णवी इवेंट मैनेजमेंट के नाम से कंपनी खोली और मार्च-2014 में लाखों रुपये ठगकर वहां से फरार हो गया। गुड़गांव पुलिस के साथ दिल्ली पुलिस उसे इस मामले में ट्रेस कर रही थी। उसकी लोकेशन हरिद्वार मिली तो गुड़गांव पुलिस ने दून व हरिद्वार पुलिस को सूचना दी। दून पुलिस उसे ठग मानकर ट्रेस कर रही थी, लेकिन इसी बीच पता लग गया कि वह शातिर चोर भी है।

जयपुर में 30 मुकदमे दर्ज

ललित पर जयपुर के थाना ज्योतिनगर, थाना विधायकपुरी, थाना सदर, थाना सिंधी कैंप, थाना गांधीनगर, थाना शिप्रापथ, थाना बजाज नगर और कोटा के थाना जालपुर में चोरी और वाहन चोरी के तीन मुकदमे दर्ज हैं। सभी मुकदमे 2002 से 2010 के बीच के हैं।

ऐयाशी के लिए बन गया चोर

ऐशो-आराम की जिंदगी और एकदम से अमीर बनने की चाह में ललित ने अपराध की राह पकड़ ली। वह 2010 में फेसबुक के जरिये दून की युवती से मिला और फिर प्रेम विवाह कर लिया। एक साल तक यहां वसंत विहार में किराये पर रहा। तब जयपुर जाकर चोरी करता था। फिर जयपुर वापस चला गया। इन दिनों वह हरिद्वार में होटल में रुका हुआ था। चोरी का माल गुड़गांव और दून के सर्राफ को बेचा था। पुलिस ने वहीं से माल बरामद किया है।

सीसी टीवी फुटेज का भी सहारा

राजपुर के बॉडीगार्ड कॉलोनी में चोरी के दौरान उसकी सीसी टीवी फुटेज पुलिस को मिल गई थी। इसमें ललित दिखा था। पुलिस ने फुटेज के जरिये ललित को धर दबोचा।


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