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मौसम में नमी से स्वाइन फ्लू का बढ़ा खतरा, अब तक छह मौत

मौसम में नमी के कारण स्वाइन फ्लू का खतरा लगातार बरकरार है। दून में चार और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। अब तक छह मरीजों की स्वाइन फ्लू से मौत भी हो चुकी है।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 09:54 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 08:55 PM (IST)
मौसम में नमी से स्वाइन फ्लू का बढ़ा खतरा, अब तक छह मौत
मौसम में नमी से स्वाइन फ्लू का बढ़ा खतरा, अब तक छह मौत

देहरादून, [जेएनएन]: मौसम में नमी के कारण स्वाइन फ्लू का खतरा लगातार बरकरार है। दून में चार और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। अब तक 26 लोग इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं। छह मरीजों की स्वाइन फ्लू से मौत भी हो चुकी है। 

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स्वाइन फ्लू के वायरस और मौसम में गहरा संबंध है। कम तापमान और ज्यादा नमी के कारण हवा घनी होती है। जो वायरस के एक्टिव होने में मददगार बन रही है। यही कारण है कि स्वाइन फ्लू दून में लगातार असर दिखा रहा है। क्या बच्चे और क्या बड़े, यह हर किसी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। 

अब चार और मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें रेशम माजरी डोईवाला निवासी 25 वर्षीय युवती का हिमालयन हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। जबकि दून निवासी 35 वर्षीय एक अन्य महिला को हिमालयन हॉस्पिटल से इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। इसके अलावा श्यामपुर प्रेमनगर से एक साल की बच्ची में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। बच्ची दून अस्पताल में भर्ती थी, जिसे अब डिस्चार्ज कर दिया गया है। मैक्स अस्पताल में भर्ती ऋषिकेश निवासी 52 वर्षीय एक मरीज को परिजन स्वयं डिस्चार्ज करा ले गए हैं। 

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तारा चंद पंत ने बताया कि फरवरी से अब तक जनपद में कुल 26 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके अलावा पांच अन्य मरीजों के सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू को लेकर लगातार एहतियात बरती जा रही है। निजी व सरकारी अस्पतालों को मरीज में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिलने पर तुरंत सूचना देने को कहा गया है। 

ये रहें बचकर

स्वाइन फ्लू का सबसे खतरा उन लोगों को है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है। इनमें मुख्य रूप से डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोग के मरीज शामिल हैं। इसके अलावा बच्चों और बुजुर्गों को भी खास एहतियात बरतने की जरूरत है। 

स्वाइन फ्लू के लक्षण

-नाक का लगातार बहना, छींक आना।

-कफ, कोल्ड और लगातार खांसी ।

-मांसपेशियां में दर्द या अकड़न ।

-सिर में भयानक दर्द।

-नींद न आना, ज्यादा थकान ।

-दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना।

-गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना।

ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू

-स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में ट्रांसफर होता है।

-खांसने, छींकने, थूकने से वायरस सेहतमंद लोगों तक पहुंच जाता है। 

ऐसे करें बचाव 

स्वाइन फ्लू का इलाज मौजूद है। आराम करना, खूब पानी पीना, शरीर में पानी की कमी न होने देने से बचाव हो सकता है।

स्वाइन फ्लू का टीका

सीजनल फ्लू शॉट से दो या तीन तरह के इन्फ्लूएंजा वायरस, जिसमें एच1एन1 वायरस भी शामिल है, उनके खिलाफ रक्षा में मदद मिलेगी। यह टीका इंजेक्शन और नाक स्प्रे के रूप में उपलब्ध है। इसके लिए अपने चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें।

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