पूर्व पीएम मनमोहन सिंह बोले, दुनिया में अलग पहचान बना चुका है एसआरएचयू
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि एसआरएचयू वर्तमान में अध्यात्म और स्वास्थ्य के साथ ही तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में विश्वस्तर पर अपनी पहचान बन चुका है।
ऋषिकेश, [जेएनएन]: हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट के संस्थापक ब्रह्मलीन डॉ. स्वामी राम का 22वां महासमाधि दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। संस्था की ओर से दिया जाने वाला स्वामी राम मानवता पुरस्कार इस बार सेवाधाम आश्रम उज्जैन को दिया गया। मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने संस्था के निदेशक सुनील गोयल को पुरस्कार स्वामी गोल्ड मैडल, प्रशस्ति पत्र व पांच लाख रुपये का नगद पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर डा. सिंह ने कहा कि स्वामी राम का सपना हिमालयन हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआइएचटी) और स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय वर्तमान में अध्यात्म, स्वास्थ्य व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में विश्वस्तर पर अपनी पहचान बन चुका है।
मंगलवार को स्वामी राम हिमालयन विवि परिसर में आयोजित समारोह का पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और एसआरएचयू के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि मानवता की सेवा के लिए डा. स्वामी राम ने 1989 में इस संस्थान की नींव रखी थी। उनका संकल्प आज विश्व के उन चुनिंदा संस्थानों में से एक बन गया है, जहां एक ही छत के नीचे डाक्टर, इंजीनियर, नर्सेज, मैनेजमेंट व योग के छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। संस्थान के विकास क्रम में तमाम चुनौतियां भी जुड़ी रही, जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा. विजय धस्माना ने कहा कि यह संस्थान एक परिवार के रूप में स्वामी राम के सपनों को साकार करने का प्रयास कर रहा है। 300 बेड से शुरू हुआ हिमालयन हास्पिटल 1200 बेड का बन गया है। जल्द ही तीन सौ वेड की नई विंग के साथ यह 1500 बेड का मल्टीस्पेशिलिटी हास्पिटल बनने जा रहा है। कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की धर्मपत्नी गुरुशरण कौर भी मौजूद थीं।
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