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सोलर एनर्जी से जुड़ेंगे करीब 50 हजार निजी कृषि नलकूप, पढ़िए पूरी खबर

निजी नलकूपों के संचालन में किसानों पर पड़ रहे बिजली और डीजल के भारी बोझ से निजात दिलाने के लिए इन्हें सोलर एनर्जी से जोड़ा जाएगा।

By Edited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 07:50 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 09:06 PM (IST)
सोलर एनर्जी से जुड़ेंगे करीब 50 हजार निजी कृषि नलकूप, पढ़िए पूरी खबर
सोलर एनर्जी से जुड़ेंगे करीब 50 हजार निजी कृषि नलकूप, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। किसानों की आय दोगुना करने की कोशिशों में जुटी राज्य सरकार अब निजी स्वामित्व वाले नलकूपों से खेतों की सिंचाई कर रहे किसानों को राहत देने की तैयारी में जुट गई है। निजी नलकूपों के संचालन में किसानों पर पड़ रहे बिजली और डीजल के भारी बोझ से निजात दिलाने के लिए इन्हें सोलर एनर्जी से जोड़ा जाएगा। इस पहल के परवान चढ़ने पर चार जिलों में किसानों के 49207 निजी नलकूपों को सोलर प्लांट से जोड़ा जाएगा, ताकि उनकी ऊर्जा की जरूरत पूरी हो सके। महाराष्ट्र समेत अन्य प्रदेशों की व्यवस्था का अध्ययन कर इसे धरातल पर उतारा जाएगा।

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खेती के लिए सिंचाई सबसे अहम है। सिंचित क्षेत्रों में फसलों की उत्पादकता असिंचित क्षेत्रों की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा रहती है। सिंचाई सुविधा के नजरिये से देखें तो उत्तराखंड में कुल कृषि क्षेत्रफल 6.90 लाख हेक्टेयर में से 3.29 लाख हेक्टेयर ही वास्तविक रूप से सिंचित है। इसमें पर्वतीय क्षेत्र में 0.43 लाख हेक्टेयर और मैदानी क्षेत्र में 2.86 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा है।

मैदानी क्षेत्रों की बात करें तो यहां अधिकांश हिस्से में सिंचाई व्यवस्था नलकूपों पर टिकी है। उस पर बिजली और डीजल के बढ़ते दामों के कारण सिंचाई नलकूपों के संचालन में किसानों पर भारी बोझ पड़ रहा है। इसे देखते हुए अब सरकार ने प्रदेशभर में किसानों के निजी नलकूपों को सोलर एनर्जी से जोड़ने की ठानी है, ताकि इनके संचालन के लिए ऊर्जा की जरूरत पूरी हो सके और किसान पर भी बोझ न पड़े। केंद्र सरकार द्वारा कराई गई पांचवीं लघु सिंचाई संगणना के अनुसार राज्य के चार जिलों ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून व चंपावत में में किसानों के निजी स्वामित्व वाले उथले, मध्यम व गहरे नलकूपों की संख्या 49207 है।

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कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार किसानों के निजी स्वामित्व वाले कृषि नलकूपों को सोलर एनर्जी से जोडऩे के मद्देनजर महाराष्ट्र समेत अन्य प्रदेशों की व्यवस्था का अध्ययन किया जा रहा है। महाराष्ट्र में किसानों को निजी नलकूप पर सोलर प्लांट स्थापित करने में केंद्र और राज्य सरकारें क्रमश 60 व 30 फीसद का अंशदान देती हैं। केवल 10 फीसद राशि किसान को लगानी पड़ती है। यही कारण भी है वहां बड़ी संख्या में किसानों ने अपने स्वामित्व वाले नलकूपों पर छोटे-छोटे सोलर प्लांट लगाए हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि इस सबके मद्देनजर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया है।

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