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उत्तराखंड में 73 फीसद विधायक करोड़पति

उत्‍तराखंड की चौथी विधानसभा में 73 फीसद विधायक करोड़पति हैं। इनमें भी 14 फीसद विधायकों की संपत्ति पांच करोड़ रुपये से ज्यादा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 10:01 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 06:05 AM (IST)
उत्तराखंड में 73 फीसद विधायक करोड़पति
उत्तराखंड में 73 फीसद विधायक करोड़पति
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य की चौथी विधानसभा में 73 फीसद विधायक करोड़पति हैं। इनमें भी 14 फीसद विधायकों की संपत्ति पांच करोड़ रुपये से ज्यादा है। 2012 की तुलना में देखें तो इस बार विधानसभा पहुंचे सदस्य आर्थिक रूप से ज्यादा समृद्ध है। 2012 में जहां 70 विधायकों की औसत संपत्ति 1.86 करोड़ की थी, वहीं इस बार यह आंकड़ा 4.11 करोड़ का है। राज्य में सबसे ज्यादा संपति चौबïट्टाखाल से विधायक चुने गए सतपाल महाराज, जबकि सबसे कम संपत्ति नानकमत्ता के विधायक प्रेम सिंह के पास है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने नामांकन पत्रों के साथ दाखिल शपथ पत्रों के अध्ययन के आधार राज्य के 70 विधायकों की आर्थिक, आपराधिक और शैक्षिक स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट बताती है कि राज्य में कुल पांच विधायकों की संपत्ति 10 करोड़ रुपये से ज्यादा, पांच ही विधायक पांच से 10 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, 41 विधायकों की संपत्ति एक से पांच करोड़ के बीच है, 17 विधायकों की संपत्ति 20 लाख से एक करोड़ के बीच है और केवल दो विधायकों की संपत्ति 20 लाख रुपये से कम है। कैबिनेट मंत्री बनाए गए सतपाल महाराज ने अपनी कुल संपत्ति 80.25 करोड़ रुपये की घोषित की है। वहीं सबसे विधायक प्रेम सिंह के पास सबसे कम 17.03 लाख की संपत्ति है।
70 में से छह विधायकों ने एक करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी घोषित की है। आयकर विवरण में वार्षिक आय के मामले में भी सतपाल महाराज सबसे ऊपर हैं। उन्होंने सालाना 1.01 करोड़ की आय पर कर देने की जानकारी दी है। राज्य के 10 फीसद विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने आयकर विवरण घोषित नहीं किया है। 
31 फीसद पर आपराधिक मामले
राज्य के 70 विधायकों में से 22 यानी 31 फीसद ने अपने शपथ पत्रों में आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। इनमें से 14 विधायकों पर गंभीर श्रेणी के आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2012 के चुनाव की बात करें तो यह आंकड़ा क्रमश: 27 फीसद था। 
रावत की संपत्ति में 763 फीसद वृद्धि
2012 और 2017 में दाखिल किए गए शपथ पत्रों पर गौर करें तो दोबारा चुनाव मैदान में उतरे 32 विधायकों में से 28 की संपत्ति में वृद्धि हुई, जबकि चार की संपत्ति कम हुई। सर्वाधिक वृद्धि पूर्व सीएम हरीश रावत की संपत्ति में दर्ज की गई। उनकी संपत्ति में कुल 763 फीसद वृद्धि हुई। इसके बाद दूसरे स्थान पर इस बार हरीश रावत को करारी मात देने वाले विधायक यतीश्वरानंद रहे। उनकी संपत्ति में 668 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई। चार विधायकों की संपत्ति में कमी भी आई। इनमें इंदिरा हृदयेश की संपत्ति में 26 फीसद और बिशन सिंह चुफाल की संपत्ति में 22 फीसद की कमी आई। 
रिपोर्ट के अन्य प्रमुख बिंदु
-77 फीसद विधायक उच्च शिक्षित
-23 फीसद आठवीं से 12वीं तक शिक्षा प्राप्त
-राज्य की विधानसभा में केवल 07 फीसद महिला प्रतिनिधित्व
-सबसे कम आयु के विधायक विनोद कंडारी(35 वर्ष)
-सबसे अधिक आयु की विधायक इंदिरा हृदयेश(75 वर्ष)

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