मानसून सीजन के लिए जिलों को किया अलर्ट, योजना तैयार करने के दिए निर्देश
सरकार ने अगले मानसून सीजन में अतिवृष्टि बाढ़ भूस्खलन नदियों के जलस्तर बढ़ने से संभावित खतरे से निपटने को विशेष सतर्कता बरतने के लिए जिलाधिकारियों को अलर्ट कर दिया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकार ने अगले मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, नदियों के जलस्तर बढ़ने से संभावित खतरे से निपटने को विशेष सतर्कता बरतने और पहले से तैयारी रखने के लिए जिलाधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों, प्रभावित राजमार्ग के लिए वैकल्पिक योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी की ओर से जारी आदेश में 29 बिंदुओं पर प्राथमिकता के आधार पर तैयारी के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जिलों में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठकें करने और उनके कार्यवृत्त शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। जिलों में प्राथमिकता के आधार पर भूस्खलन, बाढ़ से संबंधित संवेदनशील स्थानों का चिह्नीकरण करने, मानसून अवधि में जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों और बाढ़ नियंत्रण केंद्रों को 24 घंटे सक्रिय रखने के लिए सभी जरूरी उपकरणों का रखरखाव किया जाएगा।
जिलों में प्रत्येक विभाग से समन्वय कर विभागीय नोडल अधिकारी नामित करने, उनके नाम व मोबाइल नंबर जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र व राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपलब्ध कराए जाएंगे। केंद्रीय जल आयोग, आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र, सिंचाई विभाग व मौसम विभाग के साथ ही विभिन्न विभागों व संस्थाओं की मदद से आपदा संभावित क्षेत्रों में नदियों के बहाव व व्यवहार की सतत जानकारी रखने व विभिन्न स्रोतों से जानकारी जुटाकर अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बाढ़ आने से पहले ही क्षेत्रों को खाली करा जन-धन की सुरक्षा के उपाय किए जा सकें।
बाढ़ के मद्देनजर विशेष रूप से प्रभावित होने वाले जिलों हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और देहरादून में बाढ़ सुरक्षा से संबंधित तैयारी की विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। बागेश्वर का कपकोट, पिथौरागढ़ जिले का धारचूला व मुनस्यारी, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तरकाशी जिले के मोरी, नैटवाड़, चमोली जिले में चमोली व बूढ़ा केदार आदि संवेदनशील स्थानों में भूस्खलन प्रभावित राजमार्ग के वैकल्पिक मार्ग को वन विभाग के साथ समन्वय करने को कहा गया है। जिले व मंडल स्तर पर आपदा के दौरान एसडीआरएफ, सेना, आइटीबीपी, एसएसबी, पीएसी व अन्य पैरामिलिट्री दलों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा। सचिव ने अन्य सभी आवश्यक बिंदुओं पर भी पहले से तैयारी रखने की हिदायत दी है।
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