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'हालात सुधरने तक रोहिंग्या मुसलमानों को मिले भारत में शरण'

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मुस्लिम समुदाय ने रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में रैली निकाली। साथ ही कहा कि म्यांमार में हालात ठीक होने तक उन्हें भारत में रहने दिया जाए।

By raksha.panthariEdited By: Published: Wed, 13 Sep 2017 06:46 PM (IST)Updated: Wed, 13 Sep 2017 09:05 PM (IST)
'हालात सुधरने तक रोहिंग्या मुसलमानों को मिले भारत में शरण'
'हालात सुधरने तक रोहिंग्या मुसलमानों को मिले भारत में शरण'

देहरादून, [जेएनएन]: म्यांमार (बर्मा) में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रैली निकाली। इस दौरान समुदाय ने जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। उन्होंने मांग की है कि म्यांमार में शांति होने तक रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में रहने दिया जाए। 

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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोहिंग्या मुसलमानों को अपना समर्थन दिया। उन्होंने मुस्लिम कॉलोनी (लक्खीबाग) स्थित पार्क से रैली निकाली। यहां से आढ़त बाजार, रेलवे स्टेशन, त्यागी रोड, चंदर रोड होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची। पुलिस ने भीड़ को गेट पर ही रोक लिया। अंदर जाने को लेकर उनके और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। लेकिन, बुजुर्गों ने लोगों को शांत करा लिया। सिर्फ प्रतिनिधि मंडल को ही अंदर जाने दिया गया। 

रैली से पहले तकरीर और दुआ की गई। शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि 600 साल से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों पर वहां की सेना और दहशतगर्द अत्याचार कर रहे हैं। बच्चों और महिलाओं तक का कत्ल किया जा रहा है। यह इंसानियत के लिए अच्छा नहीं है, जिससे हर कोई दुखी और दिलों में आक्रोश है। स्थिति ये है कि मुसलमानों को दूसरे मुल्कों में जाकर शरण लेनी पड़ रही है। 

उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि वह संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से म्यांमार पर दबाव बनाए और म्यांमार सरकार शांति स्थापित नहीं करती है तो भारत उस मुल्क से अपने ताल्लुकात खत्म करे। भारत में सदा से ही गंगा-जमुनी तहजीब रही है, ऐसे में म्यांमार से रिश्ता नहीं रखना चाहिए। मुफ्ती सलीम ने कहा कि सरकार संयुक्त राष्ट्र संघ से बात कर मुसलमानों की हिफाजत के लिए म्यांमार में शांति सेना भेजे। साथ ही म्यांमार की आंग सान सू की को शांति के लिए दिया गया नोबल पुरस्कार भी वापस लेने का सरकार दबाव बनाए। धामावाला मस्जिद के नायब इमाम अब्दुल कादिर ने कराई और म्यांमार में मारे गए लोगों की आत्मा शांति के लिए दुआ कराई। 

जाम से परेशान रहे लोग 

रैली जिन रास्तों से भी गुजरी, वहां जाम की स्थिति बनी और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा दिक्कत तब रही, जब लोगों को कचहरी के गेट पर रोक दिया गया। यहां करीब एक घंटे तक यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा। हालांकि, रेलवे स्टेशन से अंदर के रास्ते रैली का रूट होने से प्रिंस चौक और गांधी रोड पर जाम से निजात रही। 

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