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फोटो,,,,'यूं उठे उस गली से हम, जैसे कोई जहां से उठता है' -उर्दू व अंग्रेजी की अनूठी जुगलबंदी

By Edited By: Published: Sat, 23 Aug 2014 10:48 PM (IST)Updated: Sat, 23 Aug 2014 10:48 PM (IST)
फोटो,,,,'यूं उठे उस गली से हम, जैसे कोई जहां से उठता है' -उर्दू व अंग्रेजी की अनूठी जुगलबंदी

जागरण संवाददाता, देहरादून: अभी तक आपने वाद्य यंत्रों की ही जुगलबंदी देखी-सुनी होगी लेकिन शनिवार को राजभवन में लोग अनूठी जुगलबंदी के साक्षी बने। यह जुगलबंदी थी उर्दू के महान शायर मीर तकी मीर और अंग्रेजी कवियों की संगीतमय प्रस्तुति की। जितनी सुंदर प्रस्तुति रेख्ता के उस्ताद और शायरी के खुदा कहे जाने वाले मीर तकी मीर के कलाम की थी उतने ही सुंदर ढंग से अंग्रेजी कवियों टीएस इलियट, डायलन थामस और बॉब डायलन की कविताएं भी गायी गई। इस सुंदर प्रस्तुति के नायक बने सिने अभिनेता टॉम अल्टर और उदय चंद्रा।

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राजभवन में आयोजित 'मिश्रण' नाम की इस नाटिका के दौरान मंच को पुराने शायरों की महफिल जैसा रूप दिया गया था। मंच के आगे तीन शम्आ जला रखी थी और उसकी लौ के बीच टाम अल्टर और उदय चंद्रा अपनी प्रस्तुति दे रहे थे। मीर की तमाम प्रसिद्ध गजलें प्रस्तुत की गई। इनका चयन भी बहुत खूबसूरत था। मीर की प्रसिद्ध गजलों, जिनमें 'देख तो दिल की जां से उठता है, ये धुआं सा कहां से उठता है'। 'यूं उठे आह उस गली से हम, जैसे कोई जहां से उठता है' और 'इश्क इक मीर भारी पत्थर है, बोझ कब नातवां से उठता है।' इसके अलावा, 'उल्टी हो गई सब तदबीरें, कुछ न दवा ने काम किया, देखा इस बीमारी-ए-दिल ने, आखिर काम तमाम किया' और 'नाहक हम मजबूरों पर तोहमत है मुख्तारी की, चाहते हैं सो आप करें, हमको अबस बदनाम किया' शामिल थीं। दून विश्वविद्यालय और उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से दो दिनों के इस आयोजन की पहली प्रस्तुति के मौके पर राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी, दून विश्वविद्यालय के कुलपति वीके जैन के अलावा बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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दून में थी पहली प्रस्तुति

सिने कलाकार टॉम अल्टर और गायक उदय चंद्रा की नाटिका मिश्रण की देहरादून में पहली प्रस्तुति थी। टॉम अल्टर ने बताया कि उससे पहले वह दो और प्रस्तुतियां मुंबई और पुणे में कर चुके हैं। मीर की रूमानी शायरी और अंग्रेजी कवियों की प्रेम से भरपूर कविताओं से प्रभावित होकर उन्होंने इन रचनाओं की संगीतमय प्रस्तुति की रूपरेखा बनाई।

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जयद्रथ वध की एकल प्रस्तुति आज

दून विश्वविद्यालय की ओर से रविवार को राजभवन में सुप्रसिद्ध लेखक मैथिली शरण गुप्त की रचना 'जयद्रथ वध' पर आधारित नाटक की एकल प्रस्तुति होगी। यह एकल प्रस्तुति चंदर खन्ना द्वारा की जाएगी।


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